वारदात: ISI और D-Company के टेरर प्लान की इनसाइड स्टोरी!
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1993 में मुंबई में हुए सीरियल धमाके इस देश में हुआ पहला ऐसा आतंकवादी हमला था जिसमें पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई और अंडरवर्ल्ड ने हाथ मिलाया था. इसके बाद अगले कई सालों में ऐसे कई आतंकवादी हमले हुए जिसमें आईएसआई और अंडरवर्ल्ड साथ-साथ थे. अब एक लंबी खामोशी के बाद आईएसआई और अंडरवर्ल्ड ने एक बार फिर से हाथ मिलाया, त्योहार के मौके पर हिंदुस्तान को दहलाने के लिए. हालांकि इनका रिश्ता 93 के दौर से ही है, लेकिन अब नए सिरे से इनका साथ आना ख़तरे की घंटी है. आखिर क्या था ये टेरर प्लान, वारदात के इस एपिसोड में इसकी पूरी इनसाइड स्टोरी देखिए.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.