लोकसभा चुनाव के लिए देवगौड़ा, नायडू, मांझी, पासवान, राजभर पर BJP की नजर, इनसे गठबंधन का क्या होगा फायदा?
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लोकसभा चुनाव से पहले देश में नया राजनीतिक समीकरण बन रहा है. बीजेपी ने विपक्षी एकता को टक्कर देने के लिए कवायद शुरू कर दी है. बीजेपी कई क्षेत्रीय दलों के साथ संपर्क में है. ऐसा माना जा रहा है कि वह इन दलों के साथ गठबंधन करके खुद की स्थिति को मजबूत करेगी. इन दलों में दक्षिण की टीडीपी, जेडीएस, बिहार में HAM और यूपी में सुभासपा शामिल है.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में राजनीति गर्म हो गई है. बीजेपी को घेरने के लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है. विपक्षी दल के नेता मुलाकात कर रहे हैं. बीजेपी को हराने के लिए रणनीति बना रहे हैं. 3 जून को पटना में एकजुट विपक्ष की तस्वीर पेशकर शक्ति प्रदर्शन की भी तैयारी है, तो वहीं बीजेपी ने भी विपक्ष की किलेबंदी शुरू कर दी है. उसने भी दूसरे दलों को साथ लाने की कवायद शुरू कर दी है. इनमें वे दल भी शामिल हैं, जो अलग-अलग राज्यों में विरोधी दलों के साथ गठबंधन में रहे हैं और पूर्व में बीजेपी के साथ भी गठबंधन में थे. आइए जानते हैं कि बीजेपी की किन क्षेत्रीय दलों पर नजर है? लोकसभा चुनाव में उसे इन दलों से क्या फायदा हो सकता है?
बिहार में 23 जून को विपक्षी दलों की एकजुटता बैठक है लेकिन उससे पहले ही नीतीश कुमार को उसके सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर (HAM) ने झटका दे दिया. इस दल के संस्थापक बिहार के पूर्व सीएम और नीतीश के मित्र जीतन राम मांझी हैं. मांझी के बेटे संतोष समुन बिहार की महागठबंधन सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे लेकिन 13 जून को उन्होंने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए नीतीश ने मांझी को न्योता नहीं दिया था, जिससे वह नाराज चल रहे थे.
अमित शाह से मिले थे मांझी
अब वह महागठबंधन के बाहर विकल्प तलाश रहे हैं. उनके बीजेपी के साथ जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. इससे पहले 13 अप्रैल को मांझी ने दिल्ली जाकर अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि वह 2024 से पहले एनडीए में वापसी कर सकते हैं. हालांकि तब उन्होंने कहा था कि वह हमेशा नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे. इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार से मिलकर 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रख दी. फिर 13 जून को उनके बेटे ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में पूरी संभावना है कि बीजेपी महागठबंधन से छिटके मांझी को एनडीए में शामिल करने का मौका हाथ से नहीं जाने देगी.
दलित वोट बैंक पर अच्छी पकड़
Exit Poll: ममता और बसपा का एकला चलो, BRS का सफाया... 5 सियासी फैक्टर जो मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बने
एग्जिट पोल में तीसरी बार मोदी सरकार के अनुमान जताए गए हैं. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पांच पॉइंट में समझिए वो सियासी फैक्टर जो एग्जिट पोल में पीएम मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बनते दिख रहे हैं.
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन 25 से ज्यादा सीटें हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, महंगाई से आजादी के लिए वोट किया है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता का जनसैलाब तेजस्वी यादव के लिए प्यार दिखा रहा था. विरोधी दो दिन तक खुशफहमी में जी लें.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को प्रधानमंत्री मोदी का पोल बता दिया और उसे पूरी तरह से नकार दिया. राहुल गांधी ने दावा किया कि 'इंडिया गठबंधन' को 295 सीटें मिल रही हैं. सिद्धू मूसेवाला का गाने 295 जितनी हमारी सीटें आएंगी.
बैठक में खड़गे पार्टी उम्मीदवारों को 4 जून को काउंटिंग के दौरान एहतियात बरतने को लेकर दिशा निर्देश देंगे. मीटिंग में अध्यक्ष खड़गे के अलावा राहुल गांधी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. कांग्रेस ने यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है जब एक दिन पहले ही अंतिम दौर का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आए हैं.
देश में 543 लोकसभा सीटें हैं. इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, इस बार NDA को 361 से 401 सीटें मिल सकती हैं. जबकि INDIA ब्लॉक को 131 से 166 सीटें मिलने की उम्मीद है. पांच राज्य ऐसे हैं, जहां अनुमानों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. इनमें आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल का नाम शामिल है.