
लेह में 22 दिन बाद हटाए गए सभी प्रतिबंध, लद्दाख हिंसा के आरोपी 6 नेताओं को भी मिली जमानत
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लेह जिला प्रशासन ने 24 सितंबर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), सेक्शन 163 के तहत पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी थी. जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने सभी पाबंदियों को तुरंत प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया.
लद्दाख के लेह जिले में बुधवार को सभी पाबंदियां हटा दी गईं, जो 22 दिन पहले स्टेटहुड और छठवीं अनुसूची (Sixth Schedule) की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध के बाद लागू की गई थीं. इस हिंसा में चार लोग मारे गए और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे.
दरअसल, लेह जिला प्रशासन ने 24 सितंबर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), सेक्शन 163 के तहत पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी थी. अधिकारियों के अनुसार, इस पाबंदी के दौरान किसी प्रकार की हिंसा की कोई घटना नहीं हुई.
जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने सभी पाबंदियों को तुरंत प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया. उन्होंने बताया कि पाबंदियां शांति बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लागू की गई थीं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट में भी पाबंदी हटाने की सिफारिश की गई, जिसमें कहा गया कि अब शांति भंग या सार्वजनिक व्यवस्था को लेकर कोई तत्काल खतरा नहीं है. DM ने आदेश में कहा, “मैं यहां 24 सितंबर को जारी आदेश के तहत लागू सभी पाबंदियों को तत्काल प्रभाव से वापस लेता हूं.”
6 नेताओं को भी मिली जमानत

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