लद्दाख में तनाव वाले इलाकों से पीछे हटे चीनी सेना, भारत ने की दो टूक बात
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भारत और चीन के बीच ये बैठक एलएसी पर भारतीय सीमा की ओर चुशूल मोल्डो में हुई. यह सुबह 9.30 बजे शुरू हुई थी और रात 10 बजे खत्म हुई. हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 पर डिसइंगेजमेंट पूरी होने के बाद इस बैठक में कुछ और प्रगति होने की उम्मीद थी.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद जारी है. इसी बीच रविवार को भारत और चीन में विवाद को सुलझाने के लिए 16वें दौर की बैठक हुई. इस दौरान भारत ने सख्त लहजे में चीन से पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित जगहों से जल्द जल्द सैनिकों (डिसइंगेजमेंट) को हटाने पर जोर दिया.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, इस मामले के जानकार लोगों ने बताया कि बैठक करीब साढ़े 12 घंटे तक चली. इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अप्रैल 2020 की यथा स्थिति बनाए रखने पर जोर दिया. भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 में ही सीमा को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी. भारत और चीन के बीच ये बैठक एलएसी पर भारतीय सीमा की ओर चुशूल मोल्डो में हुई. यह सुबह 9.30 बजे शुरू हुई थी और रात 10 बजे खत्म हुई. हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 पर डिसइंगेजमेंट पूरी होने के बाद इस बैठक में कुछ और प्रगति होने की उम्मीद थी. भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था, जबकि चीन की ओर से साउथ झिंजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ मेजर जनरल यांग लिन की अध्यक्षता में बातचीत हुई. हालांकि, अभी बातचीत को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इससे पहले 11 मार्च को दोनों देशों के बीच 15वें दौर की बातचीत हुई थी, हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला था. हालांकि, दोनों ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि मुद्दों के समाधान से क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में भी प्रगति होगी.
16वें दौर की बैठक में भारत ने जल्द से जल्द बाकी क्षेत्रों से भी डिसइंगेजमेंट करने पर जोर दिया. इसके साथ ही भारत ने देपसांग और डेमचोक में भी विवादित मुद्दों को जल्द से जल्द निपटाने की मांग की. भारत लगातार मुद्दों को शांति और बातचीत के जरिए हल करने पर जोर दे रहा है.
इससे पहले 7 जुलाई को बाली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद पर चर्चा हुई थी. जी-20 के इतर दोनों देशों के बीच हुई यह बैठक एक घंटे चली थी. इस दौरान एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के सामने इस मुद्दे को जल्द हल करने पर जोर दिया था. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद की शुरुआत अप्रैल-मई 2020 में हुई थी. इसके बाद गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी इस झड़प में भारी नुकसान पहुंचा था. हालांकि, काफी दिन बाद चीन ने चार सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. इस हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया. दोनों ओर से करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात किए गए हैं. इसके अलावा भारी संख्या में हथियारों की भी तैनाती की गई. हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद पिछले साल दोनों देशों ने पैंगोंग और गोगरा से अपनी सेनाओं को वापस ले लिया था.
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