
लंका, रावण, रामभक्त और बैड बॉय तक पहुंची निकाय चुनाव की लड़ाई, महाराष्ट्र में शिंदे vs फडणवीस
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महाराष्ट्र में हो रही शहरी निकाय चुनाव में सीएम फड़णवीस और एकनाथ शिंदे आमने-सामने है, क्योंकि कई सीटों पर बीजेपी और शिवसेना के बीच मुकाबला है. ऐसे में शिंदे और फड़णवीस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है और बात राम, रावण और लंका तक पहुंच गई है.
महाराष्ट्र की सत्ता भले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे एक साथ मिलकर चला रहे हों, लेकिन शहरी निकाय चुनाव में दोनों नेता एक-दूसरे के सियासी दुश्मन की तरह नजर आ रहे हैं. बीजेपी और शिवसेना एक-दूसरे के खिलाफ निकाय चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके चलते वे एक-दूसरे को मात देना चाहते हैं. ऐसे में उनके बीच जुबानी जंग भी लगातार तीखी होती जा रही है.
राज्य की 246 नगर पालिकाओं और 42 नगर पंचायत चुनाव के लिए दो दिसंबर को मतदान है. इन 288 शहरी निकाय चुनाव में 6,859 पार्षद चुने जाने हैं और 288 नगर अध्यक्षों का भी चुनाव होना है. हालांकि, करीब 100 पार्षद पहले निर्विरोध चुने जा चुके हैं, जिसमें बीजेपी का पलड़ा भारी रहा.
महाराष्ट्र के 288 स्थानीय निकाय चुनाव के जरिए राजनीतिक दल कस्बे और छोटे शहरों में अपना कब्जा जमाना चाहते हैं, जिसके चलते महायुति के घटक दलों की दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदल गई है. सीएम फडणवीस और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के बीच शह-मात का खेल ही नहीं, बल्कि हमलावर भी हो गए हैं. इस तरह से शहरी निकाय चुनाव की लड़ाई 'लंका जलाने' से 'रावण, रामभक्त' और 'बैड ब्वॉय' तक पहुंच गई है.
दोस्त कैसे बन गए सियासी दुश्मन?
2024 लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी मिलकर लड़े थे. 2024 लोकसभा चुनाव में बहुत सफलता नहीं मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन रहा और पूर्ण बहुमत से सरकार बनी.
महाराष्ट्र में स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव का ऐलान होते ही महायुति के तीनों दलों के बीच मनमुटाव हो गया है, क्योंकि कोई भी दल अपनी सियासी जमीन नहीं छोड़ना चाहता है. महायुति के तीनों दलों के कार्यकर्ता इन छोटे चुनावों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसका दबाव भी उन पर है.

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