रोहतक के टिटौली गांव में 10 दिन में करीब 40 ग्रामीणों की मौत, ग्राउंड रिपोर्ट में समझें हालात
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दिल्ली से 70 किलोमीटर दूर रोहतक जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर गांव टिटौली के ग्रामीण लगातार हो रही मौतों से दहशत में हैं. 10 दिन में करीब 40 ग्रामीणों की मौत हो चुकी हैं.
कोरोना रोगियों की संख्या कुछ दिनों में इस कदर बढ़ी है कि चिकित्सा सुविधाएं ना काफी होती जा रही हैं. अब खतरे का सायरन ग्रामीण क्षेत्रों से बजने लगा है और वहां भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खतरा इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि गांव में अभी तक ना तो आइसोलेशन सेंटर बन पाए हैं और ना ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त संसाधन दिख रहे हैं. आजतक की टीम रोहतक से 10 किलोमीटर दूर उस गांव में पहुंची जहां लगातार यह खबरें आ रही हैं कि पिछले 10 दिनों में 40 लोगों की मौत हो चुकी है. वास्तविक स्थिति जानने के लिए आजतक की टीम ने इस गांव का जायजा लिया.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.