
राष्ट्रद्रोह क़ानून को बनाए रखने के लिए क्या दलीलें दी जा रही हैं: दिन भर, 2 जून
AajTak
सेडिशन के क़ानून को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी तौर पर निरस्त कर दिया था और केंद्र सरकार से इसपर फिर से विचार करने को कहा. अब लॉ कमीशन ने इस पर अपने सुझाव सरकार को दिए हैं. क्या बातें कही गई हैं इसमें, आगे क्या होगा इस मामले में और आज़ादी के बाद अलग-अलग सरकारों का इस क़ानून को लेकर क्या रुख़ रहा है, कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने जो FIR दर्ज कराई थी, उसके डिटेल्स सामने आये हैं. काफी गंभीर आरोप लगे हैं उन पर. मगर ये आरोप उनकी गिरफ़्तारी के लिए काफी हैं या नहीं, जानेंगे. इसके अलावा पहलवानों के समर्थन में खाप महापंचायत बुलाई गई थी कुरुक्षेत्र में, वहां क्या हुआ आज, फिर महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी के कुछ अपने बेगानों की तरह बयान देने लगे हैं. पार्टी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की दोनों बेटियों की नाराज़गी उभरकर सामने आ रही है. इसकी तह में क्या है और उनके पॉलिटिकल फ्यूचर के कुछ संकेत भी मिलते हैं क्या, सुनिए 'दिन भर' में
सेडिशन क़ानून मर्ज़ी या मज़बूरी?
8 महीने पहले दिल्ली के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बात कही थी. मौक़ा था इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति के उद्घाटन का. प्रधानमंत्री अंग्रेज़ों के जमाने के क़ानून की बात कर रहे थे. लेकिन डेढ़ सौ साल पुराना एक क़ानून है जो आज भी देश के क़ानून की क़िताब में कुंडली मारकर बैठा हुआ है. बात सेडिशन लॉ की हो रही है. हिंदी में राजद्रोह कहते हैं. राजद्रोह का ये जो कानून है, वो सरकार-विरोधी सामग्री लिखने, बोलने या समर्थन करने पर लग सकता है. इसके अलावा भी कुछ और स्थितियां भी हैं जब किसी के ऊपर यह लग सकता है. और एक बार जो लग गया तो ज़मानत नहीं मिलती. इसमें सज़ा तीन साल से लेकर उम्रक़ैद तक की हो सकती है.
लेकिन क़ानूनी दुनिया के बहुत सारे लोग काफ़ी वक़्त से सेडिशन लॉ को ख़त्म करने की मांग करते रहे हैं. उनका कहना है कि सरकारें राजनीतिक विरोधियों को ठंडा करने के लिए इसका दुरुपयोग करती हैं. इस क़ानून के ख़ात्मे की मांगें याचिकाओं की शक्ल में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में दर्ज हैं. पिछले साल इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की एक टिप्पणी बड़ी चर्चा में आई थी. कोर्ट ने कहा था कि ये ऐसा है जैसे लकड़ी काटने वाले को एक आरी दी गई और वो उससे पूरा जंगल काटने लग गया. पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के तहत नए मामले दर्ज करने पर रोक लगा दी थी और केंद्र सरकार से इसपर फिर से विचार करने को कहा था. तमाम विरोधों के बाद केंद्र सरकार इस क़ानून की समीक्षा के लिए तैयार हो गई और कल लॉ कमीशन ने सरकार को इस मसले पर अपने सुझाव सौंप दिए. सुनिए 'दिन भर' है
आरोप संगीन, गिरफ़्तारी कब?
सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद दिल्ली पुलिस ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई थी. दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की. इन दोनों की कॉपी सामने आ गई है. इसमें बीजेपी सांसद के ख़िलाफ़ छेड़छाड़, बैड टच समेत 10 आरोप लगाए गए हैं. महिला पहलवानों ने यौन शोषण की 15 घटनाओं की जानकारी पुलिस को दी है. इनमें से 10 वाकयों पर रेसलर्स को गलत तरीके से छुआ गया. कम से कम दो बार प्रफेशनल मदद के बदले 'सेक्सुअल फेवर' मांगे जाने का भी जिक्र है. दोनों FIRs में IPC की धाराएं- 354, 354A, 354D और 34 लगाई गई हैं. इसके अलावा उनके खिलाफ POCSO एक्ट भी लगाया गया है. तो क्या ये आरोप और धाराएं उनकी गिरफ़्तारी के लिए काफ़ी नहीं हैं? किसी आम आदमी के ऊपर ये आरोप लगते तो पुलिस का क्या एक्शन होता है, सुनिए 'दिन भर' है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.







