'राजस्थान में पंजाब जैसा षड्यंत्र, CM बदलने से कांग्रेस को नुकसान', गहलोत समर्थक MLA धारीवाल का Video
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शांति सिंह धारीवाल अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों में से एक हैं. रविवार को धारीवाल के घर पर ही बैठक हुई थी. इसमें गहलोत समर्थक सभी विधायक पहुंचे थे और यहीं पर गहलोत समर्थक विधायकों ने इस्तीफा देने का फैसला किया था. इसके बाद धारीवाल के घर से सभी विधायक स्पीकर के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था.
राजस्थान कांग्रेस में जारी उठापटक के बीच अशोक गहलोत सरकार में मंत्री शांति सिंह धारीवाल का नया वीडियो सामने आया है. इसमें शांति सिंह धारीवाल कहते नजर आ रहे हैं कि एक षड्यंत्र के तहत अशोक गहलोत से इस्तीफा मांगा जा रहा था. उन्होंने कहा कि ये सारा षड्यंत्र था, इसी षड्यंत्र के चलते कांग्रेस ने पंजाब खोया है. इसी के चलते हम राजस्थान भी खोने जा रहे हैं. अगर हम नहीं संभले तो राजस्थान नहीं बचेगा. ये वीडियो धारीवाल के घर हुई विधायकों की बैठक का बताया जा रहा है.
शांति सिंह धारीवाल अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों में से एक हैं. रविवार को धारीवाल के घर पर ही बैठक हुई थी. इसमें गहलोत समर्थक सभी विधायक पहुंचे थे और यहीं पर गहलोत समर्थक विधायकों ने इस्तीफा देने का फैसला किया था. इसके बाद धारीवाल के घर से सभी विधायक स्पीकर के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था.
शांति धारीवाल के घर हुई विधायकों की बैठक का Exclusive वीडियो#RajasthanPoliticalCrisis #ATVideo #LunchBreak pic.twitter.com/ooeYdp3Fsc
जब दूसरा पद मिलता, तब मांगते इस्तीफा धारीवाल ने कहा, आपने (कांग्रेस आलाकमान) ने कहा, ''गहलोत के पास दो पद हैं. उनके पास आज कौन से दो पद हैं, जो इस्तीफा मांग रहे हैं. अभी उनके पास सिर्फ मुख्यमंत्री पद है. जब दूसरा पद (पार्टी अध्यक्ष) मिल जाए, तब इस्तीफा देने की बात उठेगी. आज इस्तीफा मांगने की कौन सी बात उठती है. ये सारा षड्यंत्र था, इसी षड्यंत्र के तहत पंजाब खोया, उसी षडयंत्र के तहत राजस्थान भी खोने जा रहे हैं. अगर हम लोग संभल जाएं, तो राजस्थान बचेगा, नहीं तो नहीं बचेगा.
सीएम बदलने से कांग्रेस को नुकसान होगा- धारीवाल
इन वकीलों ने चिट्ठी में लिखा है कि इस खास ग्रुप का काम अदालती फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डालना है, विशेष रूप से ऐसे मामलों में जिनसे या तो नेता जुड़े हुए हैं या फिर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. चिट्ठी में कहा गया है कि इनकी गतिविधियां देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास के लिए खतरा है.