राजस्थान: गांवों के हर घर में सर्दी-खांसी के मरीज, लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर
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राजस्थान के करौली जिले के भोपुर गांव में न ही डॉक्टर है, न ही स्वास्थ्य केंद्र और न ही टेस्टिंग सेंटर. जो लोग जा सकते हैं वो 10 किलोमीटर दूर जाकर टेस्ट करवा लेते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं.
देश में कोरोना संक्रमण अब और ज्यादा डराने लगा है. कारण है कि अब ये गांव में भी फैलता जा रहा है. उससे भी ज्यादा चिंता की बात ये है कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं सिर्फ नाम भर की हैं. सर्दी-खांसी है और कोरोना की जांच कराना है तो उसके लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. ऐसी ही कुछ हालत राजस्थान के करौली जिले में पड़ने वाले भोपुर गांव की है. भोपुर इस वक्त कोरोना महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है. सिर्फ भोपुर ही नहीं बल्कि उसके आसपास के सैजानपुर, भादोपुर और नेसुरा समेत 10 गांवों की हालत भी कुछ ऐसी ही है. इन गांव वालों की सुनने वाला यहां कोई नहीं है.करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.