
'ये चीन Vs वर्ल्ड है...', रेयर अर्थ मिनरल्स पर अमेरिका ने ड्रैगन के खिलाफ मांगा भारत का सपोर्ट
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रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर चीन ने नियम सख्त कर दिए हैं. इससे अमेरिका की टेंशन बढ़ गई है. रेयर अर्थ मिनिरल्स अमेरिका की सैन्य तकनीक का आधार हैं. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, वर्तमान में अमेरिका के रेयर अर्थ मिनरल्स आयात का लगभग 70 प्रतिशत चीन से आता है.
अभी दुनिया में एक नई राजनीतिक और आर्थिक स्थिति बन रही है. अमेरिका चाहता है कि भारत और यूरोप उसके साथ मिलकर चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स पर नियंत्रण को रोकें. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ अमेरिका भारत पर भारी टैरिफ लगा रहा है और दूसरी ओर भारत से ही सहयोग की उम्मीद कर रहा है.
दरअसल, अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से जब पूछा गया कि अमेरिका रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन के नियंत्रण से खुद को कैसे अलग रखेगा तो उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा, "हमें भारत और यूरोपीय देशों से समर्थन की उम्मीद है."
अमेरिकी अधिकारी का यह बयान सतह पर तो सामान्य लग रहा था, लेकिन अमेरिका की अपनी व्यापार नीति को देखते हुए इसे विरोधाभासी माना जा रहा है. कारण, अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया हुआ है और भारत से ही चीन के खिलाफ एकजुट होने की उम्मीद भी की जा रही है. वहीं इससे पहले तक खुद बेसेंट भारत के खिलाफ खुलकर बयान देते रहे हैं.
बेसेंट ने इसे वैश्विक युद्ध के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा, "यह चीन बनाम वर्ल्ड है. हम इसे नहीं होने देंगे. चीन एक कमांड-एंड-कंट्रोल अर्थव्यवस्था है. हम अलग-अलग तरीकों से अपनी संप्रभुता का दावा करेंगे. हम पहले से ही सहयोगियों के संपर्क में हैं. हम इस हफ्ते उनसे मिलेंगे. मुझे यूरोपीय देशों, भारत और एशिया के लोकतंत्रों से पर्याप्त वैश्विक समर्थन मिलने की उम्मीद है और हम निर्यात प्रतिबंधों और निगरानी को जारी नहीं रहने देंगे."
चीन पर युद्ध फंडिंग का आरोप लगाया
बेसेंट ने चीन पर आक्रामक कदम उठाने और युद्ध को फंडिंग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चीन की रेयर अर्थ मिनरल्स निर्यात पर रोक न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरा है. उन्होंने दावा किया, "अमेरिका दुनिया में शांति के लिए प्रयास कर रहा है, जबकि चीन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है."

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