
'यूक्रेन युद्ध नहीं रुका तो रूस पर लगाएंगे कड़े आर्थिक प्रतिबंध', ट्रंप की पुतिन को चेतावनी
AajTak
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है कि अगर वह यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए राजी नहीं होते हैं, तो रूस को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए तैयार नहीं होने पर, रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा कि यदि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्धविराम पर सहमत नहीं होते, तो वह रूस की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाने के लिए प्रतिबंधों और टैरिफ का सहारा लेंगे. यह बयान ट्रंप की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर आर्थिक दबाव डाल रहे हैं.
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'हम युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। हम आर्थिक प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं, क्योंकि हम विश्व युद्ध में नहीं पड़ना चाहते. अगर मुझे लगता है कि हम कोई समझौता नहीं करा पा रहे हैं, तो मैं प्रतिबंध और टैरिफ जैसे कदम उठा सकता हूं.' उन्होंने रूस के तेल निर्यात पर निशाना साधते हुए भारत जैसे देशों पर पहले ही अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए हैं, जो रूस से तेल खरीद रहे हैं.
ट्रंप ने दी सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी
डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि यदि रूस अगले कुछ हफ्तों में शांति वार्ता में प्रगति नहीं दिखाता, तो वह और सख्त कदम उठा सकते हैं, जिसमें रूस के व्यापारिक साझेदारों पर सेकेंडरी टैरिफ भी शामिल हो सकते हैं. रूस ने अब तक ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज किया है और यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखी है. रूसी अर्थव्यवस्था, जो ऑयल रेवेन्यू (दूसरे देशों को तेल बेचकर होने वाली आय) पर काफी निर्भर है, पहले से ही उच्च ब्याज दरों और वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट के कारण दबाव में है.
यह भी पढ़ें: ट्रंप के 50% टैरिफ के बीच... भारत-अमेरिका के बीच 8300 करोड़ की डिफेंस डील तय! लड़ाकू विमानों के लिए खरीदे जाएंगे इंजन
विशेषज्ञों का कहना है कि रूस ने युद्धकालीन अर्थव्यवस्था बनाकर पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना किया है, लेकिन नए प्रतिबंध रूस के लिए आर्थिक चुनौतियां बढ़ा सकते हैं. ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वह शांति वार्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन रूस की ओर से कोई ठोस कदम न उठाने पर वह कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे. ट्रंप की यह नीति वैश्विक कूटनीति और व्यापार पर भी असर डाल सकती है, खासकर भारत और चीन जैसे देशों के साथ, जो रूस के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.








