
म्यांमार में भूकंप का कहर... अब तक 144 की मौत, 700 से ज्यादा लोग घायल
AajTak
म्यांमार में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. भूकंप के चलते अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये आंकड़ा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, ये जानकारी म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) के प्रमुख ने दी है.
म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद 6.4 तीव्रता के आफ्टरशॉक ने भारी तबाही मचाई. इस आपदा में अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये आंकड़ा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, ये जानकारी म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) के प्रमुख ने दी है. भूकंप से कई इमारतें, पुल और ऐतिहासिक इमारतें गिर गई हैं. इससे कई लोग मलबे में दबे हुए हैं. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार भूकंप का केंद्र मांडले शहर से 17.2 किमी दूर था, जहां करीब 15 लाख लोग रहते हैं. मांडले के अलावा सगाइंग, नेपिडॉ और अन्य क्षेत्रों में भी भूकंप का जबरदस्त असर देखा गया.
सेना ने आपातकाल की घोषणा की, अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी म्यांमार की सत्तारूढ़ सैन्य सरकार (जुंटा) ने 6 राज्यों में आपातकाल लागू कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है, लेकिन अभी तक विनाश की सही तस्वीर सामने नहीं आई है क्योंकि कई प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में गिरी हुई इमारतें, दरारों वाली सड़कें और बर्बाद हो चुके घर देखे जा सकते हैं.
थाईलैंड में भी असर, 117 लोग फंसे
म्यांमार के साथ ही थाईलैंड भी भूकंप से थर्रा उठा. बैंकॉक में निर्माणाधीन एक गगनचुंबी इमारत के मलबे के नीचे से 8 लोग मारे गए और दर्जनों श्रमिकों को बचाया गया. बताया जा रहा है कि लगभग 117 लोग अभी भी फंसे हुए हैं, और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चल रहा है. थाईलैंड में एक अलग स्थान पर एक और व्यक्ति की मौत हो गई.
ऐतिहासिक धरोहरें भी हुईं क्षतिग्रस्त
म्यांमार के सरकारी मीडिया के अनुसार भूकंप के कारण 5 शहरों और कस्बों में इमारतें ढह गईं, साथ ही यांगून-मंडले एक्सप्रेसवे पर एक रेलवे पुल और एक सड़क पुल भी ढह गया. शक्तिशाली भूकंप के बाद मंडले में ऐतिहासिक 90 साल पुराना अवा ब्रिज इरावदी नदी में गिर गया. म्यांमार से सामने आ रहीं कई तस्वीरों और वीडियो में एक ढहा हुआ घंटाघर और ऐतिहासिक मांडले पैलेस के क्षतिग्रस्त हिस्से दिखाई दे रहे हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







