मोमोज से भरी प्लेट गिरने पर हुआ झगड़ा, गर्दन में चाकू घोंप कर दी हत्या, 3 बच्चों का पिता था मृतक
AajTak
Delhi: बर्दाश्त करने की क्षमता अब लोगों में नहीं रह गई है. छोटी-छोटी बातों पर हत्या को को अंजाम दिया जा रहा है. राजधानी नई दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में ऐसी ही एक मामला सामने आया है. तिरंगा चौक पर मोमोज गिर जाने को लेकर हुए विवाद में एक शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई.
नई दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में मोमोज खा रहे नकुल से पास खड़े जितेंद्र का हाथ लग गया. जिससे मोमोज नीचे गिर गए. इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी होने लगी. बातों-बातों में ही विवाद बढ़ता गया और नकुल ने जीतेंद्र की गर्दन पर चाकू से वार कर हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस के मुताबिक, राज मिस्त्री का काम करने वाले जितेंद्र तिरंगा चौक पर अपने परिवार के साथ रहता था. उनके परिवार में पत्नी और 3 बच्चे हैं. शनिवार रात करीब 8:45 बजे जितेंद्र ने अपने साथी वीरेंद्र को फोन कर तिरंगा चौक पर आने को कहा. पहले वीरेंद्र और जितेंद्र दोनों की कपड़े की दुकान थी. बाद में जितेंद्र ने राज मिस्त्री का काम शुरू कर दिया था. जितेंद्र के फोन के बाद वीरेंद्र तिरंगा चौक पहुंच गया. दोनों बात करने लगे तभी उनका परिचित नकुल वहां आ गया. नकुल वहां पर मोमोज खाने लगा.
इसी दौरान जितेंद्र का हाथ नकुल से टच हो गया और उसकी प्लेट से मोमोज नीचे गिर गए. इस पर नशे में धुत नकुल ने जितेंद्र को गाली देनी शुरू कर दी. जितेंद्र के विरोध करने पर नकुल मारपीट करने लगा. इसके बाद नकुल ने जेब से चाकू निकालकर जितेंद्र की गर्दन पर वार कर दिया. इस हमले में घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी नकुल को इलाके से ही गिरफ्तार कर लिया.
हैरानी की बात यह है कि नकुल और जीतेंद्र एक-दूसरे को पहले से जानते थे. रणहौला थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. घटना के समय आरोपी शराब के नशे में था. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.