मोदी और केजरीवाल की कॉपी करके राहुल गांधी तेलंगाना में क्या हासिल कर पाएंगे?
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राहुल गांधी तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर बिलकुल वैसे ही इल्जाम लगा रहे हैं, जिन आरोपों के जरिये बीजेपी नेतृत्व दिल्ली में कांग्रेस नेता को घेरता रहा है. मसलन, परिवारवाद की राजनीति, सत्ता में आने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना - और तरीका भी वही अपना रहे हैं जो मोदी और केजरीवाल की स्टाइल है.
जैसे बीजेपी सारे चुनावी प्रयोग मध्य प्रदेश में कर रही है, राहुल गांधी तेलंगाना को कांग्रेस की प्रयोगशाला बना रहे हैं. वहां वो कोई अलग या अनोखा प्रयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के आजमाये हुए नुस्खे की मदद से तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं.
जिस तरह दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ पेश आते रहे हैं, कांग्रेस नेता भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को बिलकुल उसी अंदाज में घेर रहे हैं. और जैसे दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाने के बाद कांग्रेस को चैलेंज किया था, राहुल गांधी ने भी केसीआर के पीछे अपना खास आदमी लगा दिया है.
मोदी और केजरीवाल को उनके अपने अपने फॉर्मूले ने सत्ता की चाबी मुहैया करा दी है, लिहाजा राहुल गांधी भी वही तौर तरीके आजमा रहे हैं. केसीआर को उनके गढ़ में घुस कर कांग्रेस की तरफ से रेवंत रेड्डी चुनावी चुनौती पेश कर रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी चुनावी वादे भी अरविंद केजरीवाल जैसे ही कर रहे हैं.
ये ठीक है कि आजमाये हुए नुस्खे अक्सर कारगर होते हैं, लेकिन कामयाबी तो इस बात पर निर्भर करती है कि वे कैसे और कितनी शिद्दत से लागू किये जा रहे हैं. तेलंगाना में राहुल गांधी के प्रयोगों को लेकर भी यही बात सबसे ज्यादा मायने रखती है.
तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर पर राहुल गांधी करीब करीब वे सारे ही आरोप लगा रहे हैं, जिन इल्जामों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथी बीजेपी नेता दिल्ली में राहुल गांधी को पूरे साल घेरे रहते हैं - परिवारवाद की राजनीति और सत्ता हासिल करने के बाद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टी.
1. केसीआर पर राहुल गांधी लगा रहे हैं परिवारवाद का आरोप: मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने के बाद गांधी परिवार की स्थिति थोड़ी मजबूत हुई है. वैसे 2019 की हार के बाद राहुल गांधी ने ये प्रस्ताव इसीलिए रखा था, और आखिर तक जिद पर टिके भी इसीलिए रहे - क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व पर बीजेपी के परिवारवाद के आरोपों से वो तंग आ चुके थे.
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