
'मैसूर दशहरा उत्सव केवल हिंदुओं का नहीं...', बानू मुश्ताक विवाद पर क्या बोले CM सिद्धारमैया
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कर्नाटक सरकार ने मैसूर दशहरा उत्सव का उद्घाटन करने के लिए बतौर मुख्य अतिथि बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित किया है. बीजेपी ने इसे लेकर सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पूरे मामले पर सीएम सिद्धारमैया का बयान आया है.
कर्नाटक सरकार ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका बानू मुश्ताक को मैसूर में दशहरा उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है. बानू मुश्ताक मैसूर दशहरा उत्सव का उद्घाटन करेंगी. कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे लेकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इस पूरे मामले को लेकर अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का भी बयान आया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह त्योहार हर समुदाय के लोग 'नाडा हब्बा' (राज्योत्सव) के रूप में मनाते हैं. बीजेपी पर मैसूर दशहरा के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बानू मुश्ताक कन्नड़ लेखिका हैं. उनको अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता के तौर पर उनकी उपलब्धि के सम्मान में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया है.
सीएम ने कहा कि मैसूर दशहरा का उद्घाटन करने के लिए बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने का विरोध केवल कुछ लोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोध करने वालों के साथ सभी हिंदू नहीं हैं. बीजेपी पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि वे दशहरा में राजनीति करेंगे, और अपने घर में भी. सीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या उन्हें झूठ बोलने के अलावा कुछ आता है?
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कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि चामुंडी पहाड़ी और वहां की देवी केवल हिंदुओं की नहीं हैं. इस बयान को लेकर सवाल पर सीएम ने कहा कि यह नहीं कहूंगा, लेकिन यह दशहरा उत्सव केवल हिंदुओं का नहीं है. हम मैसूर दशहरा मना रहे हैं, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन, सभी शामिल होते हैं. यह चामुंडी हिल का विषय नहीं है.
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