
'मैं नहीं लड़ूंगा... वहीं से होंगे उम्मीदवार', अमेठी-रायबरेली के प्रत्याशियों पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे
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अमेठी और रायबरेली के उम्मीदवारों पर आजतक से बात करते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं वहां से चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं... जो होंगे, वहीं से होंगे. 1-2 दिन में फैसला हो जाएगा.' इससे पहले शनिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अमेठी और रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया गया था.
लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान हो चुका है. अब तैयारी तीसरे चरण की है. लेकिन सभी की नजरें उन हाई प्रोफाइल सीटों पर टिकी हुई हैं जहां सस्पेंस अभी भी बरकरार है. इनमें अमेठी और रायबरेली जैसी सीटें शामिल हैं जिन पर पांचवें चरण यानी 20 मई को वोटिंग होनी है. यहां 26 अप्रैल से नामांकन जारी है और 3 मई तक होगा. नामांकन के लिए सिर्फ चार दिन बचे हैं लेकिन अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने इन सीटों पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने अमेठी से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है. सोमवार को उन्होंने नामांकन दाखिल किया और शक्ति प्रदर्शन के रूप में रोड शो किया. लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अमेठी से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. रायबरेली में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों पर भी सस्पेंस बरकरार है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि इस पर फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा.
'एक-दो दिन में हो जाएगा फैसला'
अमेठी और रायबरेली के उम्मीदवारों पर आजतक से बात करते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं वहां से चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं... जो होंगे, वहीं से होंगे. 1-2 दिन में फैसला हो जाएगा.' इससे पहले शनिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) की बैठक में अमेठी और रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया गया था. हालांकि इस पर आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दिया गया था.
अमेठी लोकसभा सीट का इतिहास
अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है जिसे बहुजन समाज पार्टी सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई 2010 को अस्तित्व में लाया गया था. शुरुआत में इसका नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर था लेकिन इसे बदलकर अमेठी कर दिया गया. यह भारत के नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक कर्मभूमि रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, उनके नाती संजय गांधी, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने इस जिले का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 आम चुनाव में राहुल गांधी यहां से सांसद चुने गए लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने पराजित कर दिया.

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