
'मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकते', कोरोना संकट पर सुनवाई में SC ने क्या कहा, बड़ी बातें
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देश में कोरोना के बिगड़ते हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. अदालत ने केंद्र से कोविड संकट पर नेशनल प्लान मांगा था, जिसपर चर्चा की. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से डाटा मांगा है.
देश इस वक्त कोरोना वायरस के तूफान का सामना कर रहा है. बीते एक हफ्ते से देश में हर रोज 3 लाख से अधिक मामले आ रहे हैं, ऐसे में अस्पतालों पर बहुत भार बढ़ने लगा है. कोरोना के इसी हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की. अदालत ने केंद्र से कोविड संकट पर नेशनल प्लान मांगा था, जिसपर चर्चा की. इस दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर ये नेशनल इमरजेंसी नहीं है, तो क्या है. कोविड संकट पर सुनवाई के वक्त अदालत ने क्या बड़ी बातें कहीं, जानें... • ऑक्सीजन संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय संकट के वक्त हम मूकदर्शक नहीं बन सकते हैं, हम राज्यों में समन्वय बैठाने का काम करेंगे. • सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हम किसी भी हाईकोर्ट के काम में दखल नहीं दे रहे हैं, हाईकोर्ट स्थानीय हालातों को बेहतर समझ सकते हैं. • सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर केंद्र सरकार क्या कर रही है, अगर ये राष्ट्रीय संकट की स्थिति नहीं है तो क्या है?क्लिक करें: बैंकॉक से टैंकर तो फ्रांस से ऑक्सीजन प्लांट इंपोर्ट करेगी दिल्ली सरकार, केजरीवाल का ऐलान • ऑक्सीजन की उपलब्धता और सप्लाई को लेकर क्या स्थिति है, इसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. ऑक्सीजन को लेकर केंद्र से नेशनल प्लान मांगा गया है. • केंद्र-राज्य के वकीलों में जब बहस हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि शुक्रवार को मसला फिर सुना जाएगा, तब सभी एक-दूसरे का सहयोग करें. ऐसी स्थिति पैदा ना करें, इससे जान नहीं बचाई जा सकती है.क्लिक करें: मामूली रकम में हर बड़े अस्पताल में लग सकता है PSA ऑक्सीजन प्लांट, फिर भी खरीद पर निर्भरता क्यों? केंद्र और राज्यों में तकरार... सुप्रीम कोर्ट में चर्चा के दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें आमने सामने आईं. वहीं, वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर भी बहस हुई. राजस्थान सरकार ने जहां उन्हें कम ऑक्सीजन मिलने की बात कही, तो वहीं बंगाल ने वैक्सीन के अलग-अलग दाम को लेकर चिंता जाहिर की. सर्वोच्च अदालत ने अंत में जब सभी से हलफनामा देने को कहा, तब केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हलफनामा तैयार करने में मेरी जो मदद करते हैं, वही इस वक्त कोविड से पीड़ित हैं और हम खुद यहां अदालत में हैं. इसपर अदालत ने छूट देते हुए कहा कि आप एक नोट भी दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-राज्य दोनों से ही वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन और अन्य मेडिकल सुविधाओं का डाटा जमा करने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.







