मुंगेर: राम भरोसे ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल, डॉक्टर नदारद, स्वास्थ्य केंद्र पर एक्सपायरी डेट वाली दवाइयां
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कोरोना संकट की जद में अब शहरों के बाद गांव भी आ गए हैं. अगर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधारी गईं तो स्थितियां गंभीर हो जाएंगी. गांव के लोगों को इलाज के लिए कोरोना काल में शहर की ओर जाना पड़ रहा है, ऐसे में प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार ग्रामीण हो रहे हैं.
कोरोना कहर की चपेट में अब शहरों के अलावा गांव भी आने लगे है. चिकित्सा सुविधा का दायरा गांवों में नहीं बढ़ाया गया तो स्थितियां गंभीर हो सकती हैं. ऐसे में अगर गांव में बने स्वास्थ्य केंद्र में ही ताला लटका हो और दवाइयां भी एक्सपायर हो चुकी हों तो गांव के लोग इलाज कराने के लिए शहर जाने को मजबूर क्यों न मजबूर हों. बिहार के मुंगेर जिले के एक गांव की स्थिति ऐसी ही नजर आई. जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर तारापुर प्रखंड के बेलाडीह पंचायत के बेलबिहमा गांव का हाल बदहाल है. यहां एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल 2012 में बनाया गया. इसका उद्घाटन तारापुर के तत्कालीन जदयू के विधायक नीता चौधरी के द्वारा किया गया था. यहां भी इलाज भगवान भरोसे है. इस केंद्र पर सप्ताह में एक दिन, एक घंटे के लिए ही डॉक्टर बैठते हैं. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि इस हॉस्पिटल से ग्रामीणों को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है, जबकि गांव की आबादी 15,000 के करीब है.लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम दौर में पंजाब की 13 सीटों पर मतदान होना है. नेता पंजाब में धुआंधार रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच लुधियान में 84 दंगा पीड़ितों ने राहुल गांधी की रैली से पहले प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार में बीजेपी पर जमकर निशाना साधते नजर आए. देखें पंजाब आजतक.
विशेष जांच दल के सूत्रों के अनुसार, जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के 31 मई को बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है. उसने लुफ्थांसा एयरलाइंस की म्यूनिख से बेंगलुरु की फ्लाइट बुक की है. एक अधिकारी ने कहा, 'फ्लाइट गुरुवार दोपहर म्यूनिख से रवाना होगी और शुक्रवार देर रात 12:05 बजे बेंगलुरु में लैंड करेगी.'
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर एक मूल परिपत्र (master circular) जारी करते हुए साफ कर दिया है कि बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर नकदी-रहित इलाज की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा. इरडा ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर मास्टर परिपत्र ने पहले जारी किए गए 55 परिपत्रों को निरस्त कर दिया है और यह पॉलिसीधारकों के सशक्तीकरण और समावेशी स्वास्थ्य बीमा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.