माता-पिता ने किया था दिव्यांग बच्चे का कत्ल, अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
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सरकारी वकील प्रणब कुमार पांडा ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर दोषी दंपति को छह महीने की अतिरिक्त जेल होगी. यह खौफनाक वारदात अगस्त 2022 की है, जब बच्चे की शारीरिक चुनौतियों के कारण उसके पिता और सौतेली मां ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी.
ओडिशा के बालासोर जिले की एक स्थानीय अदालत ने साल 2022 में अपने दिव्यांग नाबालिग बच्चे की हत्या करने वाले माता-पिता को आजीवन कारावास की सजा सुना दी. शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दंपति को दोषी करार देने के बाद ये फैसला सुनाया. साथ ही उन दोनों पर जुर्माना भी लगाया.
जनपद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बिस्वजीत दास की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए बालासोर शहर के सहदेवखूंटा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत चांदमारिपाडिया के निवासी गणेश जेना और उनकी दूसरी पत्नी प्रतिमा जेना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोनों को पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया.
सरकारी वकील प्रणब कुमार पांडा ने इस बारे में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि जुर्माना नहीं देने पर दोषी दंपति को छह महीने की अतिरिक्त जेल होगी. यह खौफनाक वारदात अगस्त 2022 की है, जब बच्चे की शारीरिक चुनौतियों के कारण उसके पिता और सौतेली मां ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी.
पांडा ने कहा कि उसकी लाश को शहर के बाहरी इलाके में नुनियाजोडी पुल के नीचे फेंक दिया गया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक की दादी ने सहदेवखूंटा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अदालत ने 15 गवाहों और चश्मदीदों की जांच के बाद इस दंपति को आईपीसी की धारा 302, 120बी, 201 और 34 सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है.
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