
'महाराष्ट्र सरकार के पास सिर्फ 2 दिन...', बोले मराठा आरक्षण आंदोलन के लीडर मनोज जरांगे
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मनोज जरांगे ने कहा कि अगर सरकार 24 दिसंबर तक इस मुद्दे के समाधान में विफल रही, तो मराठा समुदाय मुंबई की ओर मार्च करेगा. जरांगे ने कहा कि सरकार के पास अभी भी दो दिन बचे हैं. अगर वह इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम नहीं है, तो हम 23 दिसंबर को अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे.
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास मांग पूरी करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं. राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में परभणी जिले के सेलु में रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने जनता से सावधानी बरतने के लिए कहा और कहा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुरक्षित करने का समय उपयुक्त है.
मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि अस्सी प्रतिशत लड़ाई जीत ली गई है, हमारी लड़ाई अपने अंतिम चरण में है. जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर इस साल में दो बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इस मुद्दे के समाधान के लिए 40 दिन का समय दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. बाद में सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए 24 दिसंबर तक का समय दिया गया.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार 24 दिसंबर तक इस मुद्दे के समाधान में विफल रही, तो मराठा समुदाय मुंबई की ओर मार्च करेगा. जरांगे ने कहा कि सरकार के पास अभी भी दो दिन बचे हैं. अगर वह इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम नहीं है, तो हम 23 दिसंबर को अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे.
बता दें कि जो भी समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण चाहता है, उसे सामाजिक रूप से पिछड़ा होना चाहिए. जारांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ने ऐसे सभी मानदंडों को पूरा किया है, लेकिन अभी तक आरक्षण नहीं मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग मानदंडों को पूरा नहीं करते उन्हें आरक्षण मिल गया है.
क्यूरेटिव अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 24 जनवरी को करेगा विचार
वहीं, मराठा आरक्षण के मामले पर महाराष्ट्र सरकार की क्यूरेटिव अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में विचार 24 जनवरी को होगा. चार जजों की बेंच को 6 दिसंबर को चेंबर में विचार करना था. याचिका की कॉपी भी सर्कुलेट कर दी गई थी. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने अब इस मामले में 24 जनवरी को विचार करने का फैसला किया है. हालांकि जस्टिस संजय किशन कौल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. मुमकिन है सीजेआई उनकी जगह किसी अन्य जज को पीठ में शामिल करें. 6 दिसंबर 2023 को याचिका पर विचार करने की नई तारीख तय की गई थी. इसका एलान अब किया गया है.

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