
महाराष्ट्र में MP-राजस्थान-हरियाणा फॉर्मूले पर क्यों नहीं गई BJP? फडणवीस को ही ताज मिलने के मायने 10 points में समझें
AajTak
BJP नेता देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. बुधवार को बीजेपी की विधायक दल की बैठक में फडणवीस के नाम पर अंतिम मुहर लग गई है. महाराष्ट्र में पिछले 11 दिन से महाराष्ट्र के नए सीएम को लेकर सस्पेंस चल रहा था. शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना है.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ही अगले मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी विधायक दल की बैठक में फडणवीस के नाम पर आखिरी मुहर लग गई है. अब 5 दिसंबर की शाम 5.30 बजे मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण होगा. फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेंगे. इससे पहले चर्चाएं थीं कि बीजेपी महाराष्ट्र में इस बार मराठा या ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है. फडणवीस अगड़े वर्ग से आते हैं. विधानसभा चुनाव में भी महायुति को मराठा वर्ग ने जबरदस्त समर्थन दिया है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान या हरियाणा जैसे फॉर्मूले को लागू क्यों नहीं किया? बीजेपी ने मध्य प्रदेश में जीत के बाद सिटिंग सीएम शिवराज सिंह चौहान की जगह ओबीसी चेहरे मोहन यादव पर दांव खेला है. वहीं, राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बजाय ब्राह्मण चेहरे भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है. हरियाणा में भी इसी साल विधानसभा चुनाव से ठीक 5 महीने पहले बीजेपी ने सीएम चेहरा बदला और मनोहर लाल खट्टर की जगह ओबीसी चेहरे नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था. मध्य प्रदेश और हरियाणा में बड़ी संख्या में ओबीसी वोटर्स हैं. राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र में बीजेपी ने ब्राह्मण समाज से सीएम देकर सामान्य वर्ग को बड़ा संदेश दिया है.
10 पॉइंट में समझें फडणवीस को ही ताज मिलने के मायने...
1. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस अनुभवी नेता माने जाते हैं. वे 6 बार के विधायक हैं. सरकार से लेकर संगठन तक में काम करने का अनुभव है. महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के लिए नए चेहरे पर दांव खेलना मुश्किल साबित हो सकता था. क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता. फडणवीस ने खुद को महाराष्ट्र की राजनीति में ना सिर्फ स्थापित किया है, बल्कि हर वर्ग और क्षेत्र में पैठ बनाई है.
2. फडणवीस 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने दूसरी बार अक्टूबर 2019 में सीएम पद की शपथ ली थी. हालांकि, 3 दिन बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद 2022 से वे अब तक महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम रहे हैं. फडणवीण नागपुर दक्षिण पश्चिम से 1999 से विधायक हैं. इस बार वे छठी बार चुनाव जीते हैं. इससे पहले वे नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं.
3. देवेंद्र फडणवीस को 2019 के दरम्यान असली राजनीतिक परीक्षा का सामना करना पड़ा. 2019 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब राजनीतिक उलटफेर हुआ और उद्धव ठाकरे ने एनडीए का साथ छोड़ दिया, तब फडणवीस मजबूती से डटे रहे और यह साबित कर पाने में सफल रहे कि बीजेपी ने चुनाव से पहले सीएम को लेकर उद्धव ठाकरे से ऐसा कोई वादा नहीं किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.







