
'महाराष्ट्र में ऐसे नारों की जरूरत नहीं', अजित पवार के बाद 'बटेंगे तो कटेंगे' पर अब पंकजा मुंडे ने ली अलग लाइन
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में यूपी के सीएम योगी का नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा हॉट टॉपिक बना हुआ है. एनसीपी (एपी) के प्रमुख अजित पवार इस नारे के विरोध में उतर आए थे. अब बीजेपी की पंकजा मुंडे भी इस नारे से अलग लाइन ले ली है.
महाराष्ट्र के चुनाव में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे का शोर है. यूपी के सीएम ने बंटेंगे का नारा दिया तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और महायुति ने एक हैं तो सेफ हैं को महाराष्ट्र में अपने चुनाव अभियान की धुरी ही बना लिया. अब इस नारे को लेकर महायुति और बीजेपी में मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं.
महायुति के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार ने पहले इस नारे का विरोध किया. अब बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में इस नारे की जरूरत नहीं. पंकजा मुंडे ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ बातचीत में कहा है कि महाराष्ट्र को बटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे की जरूरत नहीं है. हम इसका केवल इसलिए समर्थन नहीं कर सकते, क्योंकि हम भी उसी पार्टी से हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि विकास ही असली मुद्दा है. बीजेपी की विधान परिषद सदस्य पंकजा ने कहा कि नेता का काम है कि इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना समझे. हमें महाराष्ट्र में इस तरह के विषय नहीं लाने चाहिए. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ ने ये यूपी के संदर्भ में कहा था जहां अलग तरह कीराजनीतिक परिस्थितियां हैं. उनकी बात का वही अर्थ नहीं हो समझा जा रहा है.
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पंकजा मुंडे ने कहा कि पीएम मोदी ने बिना जाति-धर्म देखे सभी को राशन, आवास और सिलेंडर दिए हैं. पंकजा मुंडे ने सीएम योगी के नारे से किनारा किया तो साथ ही पीएम मोदी की योजनाओं का जिक्र कर बीजेपी की लाइन पर ही खड़े नजर आने की कोशिश भी की. गौरतलब है कि पंकजा मुंडे से पहले महायुति के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के प्रमुख अजित पवार ने भी सीएम योगी के इस नारे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
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