महाराष्ट्र की उस संस्था की कहानी... जिसने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर उठाए सवाल
AajTak
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने 'अंधविश्वास' और 'जादू-टोना' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. समिति का आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार के नाम पर जादू-टोना और अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं, साथ ही लोगों को लूटने और उनसे धोखाधड़ी भी कर रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की कहानी भी जानना जरूरी है.
बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) विवादों में आ गए हैं. उनपर 'अंधविश्वास' और 'जादू-टोना' को बढ़ावा देने का आरोप है. ये आरोप महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (Maharashtra Andhashraddha Nirmoolan Samiti) ने लगाए हैं.
हालांकि, इन आरोपों पर धीरेंद्र शास्त्री ने दावा किया कि वो कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं और न ही किसी की समस्या दूर कर रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि 'हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार.'
क्या है पूरा मामला?
धीरेंद्र शास्त्री जगह-जगह जाकर 'दिव्य चमत्कारी दरबार' लगाते हैं. यहां वो दावा करते हैं कि उन्हें आपके बारे में सब पता है. वहां आने वाले लोग पर्ची में अपनी समस्या लिखते हैं और धीरेंद्र शास्त्री उनके बताए बिना ही अपनी पर्ची में उनकी समस्या लिख देते हैं.
ऐसा ही एक 'श्रीराम चरित्र चर्चा' नागपुर में आयोजित हुई थी. ये कथा 13 जनवरी तक चलनी थी. लेकिन 11 जनवरी को ही खत्म हो गई.
माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.