मराठा आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से सियासी भूचाल, क्या बीजेपी-क्या शिवसेना, सभी चारों खाने चित
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कोर्ट ने साफ कर दिया कि मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. उन्हें सामाजिक, शैक्षणिक रूप से पिछड़ा भी नहीं माना गया है. इस एक फैसले के बाद से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मराठा आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने साफ कर दिया कि मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. उन्हें सामाजिक, शैक्षणिक रूप से पिछड़ा भी नहीं माना गया है. इस एक फैसले के बाद से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है. कब और कैसे उठा मराठा आरक्षण का मुद्दा?देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.