
भीम संवाद, कर्पूरी चर्चा और भाईचारा यात्रा... नीतीश के तीन अभियानों का मकसद क्या है?
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बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने कर्पूरी चर्चा और भाईचारा यात्रा शुरू कर दी है. पार्टी 15 अगस्त से भीम संवाद कार्यक्रम भी शुरू कर रही है. नीतीश के इन तीन अभियानों का मकसद क्या है?
बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एक्टिव मोड में आ गई है. अन्य पिछड़ा वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए जातिगत सर्वे का दांव चलने के बाद जेडीयू अब अति पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वोट साधने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है. जेडीयू ने भाईचारा यात्रा और कर्पूरी चर्चा अभियान शुरू कर दिया है. पार्टी 15 अगस्त से भीम संवाद कार्यक्रम भी शुरू करेगी.
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लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने का समय बचा है, ऐसे में नीतीश कुमार के इन कार्यक्रमों का मकसद क्या है? जेडीयू इसे भाईचारे का संदेश देने की कवायद बता रही है. वहीं, ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने का समय बचा है, नीतीश कुमार की पार्टी के इन कार्यक्रमों के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
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राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव बहाना है. नीतीश कुमार का निशाना विधानसभा चुनाव है. नीतीश विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव में नए समीकरण टेस्ट कर सेट कर लेना चाहते हैं जिससे जेडीयू पिछले चुनाव की तुलना में मजबूती से उभरे. उनका मुख्य मकसद ये है कि जेडीयू ऐसी पोजिशन बरकरार रखे जिससे बिहार में उसके बगैर न तो बीजेपी सरकार बना सके और ना ही आरजेडी. बिहार की सत्ता के लिए बीजेपी और आरजेडी, दोनों ही दलों के लिए जेडीयू जरूरी और मजबूरी बनी रहे.
क्या है भाईचारा यात्रा का मकसद

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