
भारत सरकार के ईमेल बेच रहे हैकर्स! सोशल मीडिया पर दे रहे Ad... जानिए क्यों है खतरनाक
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इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने चेतावनी जारी की थी कि साइबर अपराधी अमेरिकी निजी कंपनियों से जानकारी मांगने के लिए हैक किए गए सरकारी ईमेल खातों और फर्जी अदालती आदेशों या सम्मनों का उपयोग कर रहे हैं. आजतक की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम को एक निजी हैकिंग और डेटा बिक्री प्लेटफॉर्म पर तीन लिस्टिंग मिलीं, जिनमें से सबसे हाल ही में 6 नवंबर को पोस्ट की गई थी, जिसमें ईमेल आईडी और उनके पासवर्ड की बिक्री का विज्ञापन किया गया था.
भारत में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं और आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं. ऐसे में बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि साइबर अपराधी कथित तौर पर भारतीय सरकारी कर्मचारियों से संबंधित ईमेल आईडी के उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड बेच रहे हैं. अगर इन ईमेल तक पहुंचा जाए, तो ये अवैध गतिविधियों के ढेरों रास्ते खोल सकते हैं, जिसके संभावित रूप से व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
एक निजी मंच पर एक हैकर का दावा है कि कुछ हजार रुपये में कोई भी इन सरकारी ईमेल खातों को खरीद सकता है. हैकिंग फ़ोरम पर एक पोस्ट में लिखा है, "एक बार जब आप एक्सेस खरीद लेंगे, तो आप पासवर्ड रीसेट कर पाएंगे या अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर पाएंगे."
लेकिन इन सरकारी ईमेल का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है? उदाहरण के लिए, "डिजिटल अरेस्ट" को लें. किसी व्यक्ति के नाम, फोन नंबर और पते जैसी बुनियादी जानकारी के साथ, जो अक्सर सार्वजनिक रिकॉर्ड में आसानी से उपलब्ध होती है, साइबर अपराधी कानून प्रवर्तन के रूप में लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर सकते हैं और बड़ी रकम वसूल सकते हैं. इन दिनों "डिजिटल अरेस्ट" के रूप में जानी जाने वाली यह रणनीति ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक आकर्षक रूप बन गई है.
अब कल्पना करें कि साइबर अपराधी क्या कर सकता है, अगर उसे पता हो कि उसके टारगेट ने क्या खरीदा, उसने किसे पैसे भेजे, उसने ऑनलाइन क्या सर्च किया, उसने कौन सी वेबसाइट देखी या उसने सोशल मीडिया पर किससे चैट की.
इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने चेतावनी जारी की थी कि साइबर अपराधी अमेरिकी निजी कंपनियों से जानकारी मांगने के लिए हैक किए गए सरकारी ईमेल खातों और फर्जी अदालती आदेशों या सम्मनों का उपयोग कर रहे हैं.
.gov.in ईमेल खातों की बिक्री

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