भारत में जी-20 समिट में शामिल नहीं होंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग?
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भारत में अगले हफ्ते जी-20 समिट होनी है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इसमें शामिल होने की संभावना नहीं है. उनकी जगह चीन के पीएम इस समिट में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी जी-20 में शामिल होने से इनकार कर दिया. उनकी जगह विदेश मंत्री भारत आएंगे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते भारत में होने वाली G-20 की बैठक संभवता शामिल नहीं होंगे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भारत और चीन में मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दो भारतीय अधिकारियों ( चीन स्थित एक राजनयिक और जी 20 में देश की सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी) ने बताया कि चीनी पीएम ली कियांग के नई दिल्ली में 9-10 सितंबर की बैठक में बीजिंग का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है. हालांकि, भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के प्रवक्ताओं ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी-20 में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है. जी 20 समिट को ऐसे स्थान के रुप में देखा जा रहा था, जहां शी जिनपिंग और बाइडेन की मुलाकात की संभावना थी. क्योंकि दोनों ही देश कई प्रकार के व्यापार और भू-राजनीतिक तनावों से खराब हुए संबंधों को स्थिर करना चाहती हैं. शी ने आखिरी बार बाइडेन से पिछले नवंबर में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन पर मुलाकात की थी. उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह भारत नहीं आ रहे हैं और उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी-20 समिट में हिस्सा लेंगे.
मेजबान भारत के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि हमें पता है कि प्रधानमंत्री आएंगे. वहीं, चीन में दो विदेशी राजनयिकों और एक अन्य G20 देश के एक सरकारी अधिकारी ने कहा, शी जिनपिंग संभवता शिखर सम्मेलन के लिए यात्रा नहीं करेंगे. हालांकि, चीनी सूत्रों ने अधिकारी के हवाले से कहा कि जिनपिंग की अनुपस्थिति के कारण के बारे में पता नहीं चला है. रॉयटर्स के मुताबिक, सभी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी.
शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच हाल ही में जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स समिट के इतर बातचीत हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव को कम करने पर चर्चा हुई थी. भारत और चीन के बीच गलवान में 2020 में हुई हिंसा के बाद से सीमा विवाद को लेकर तनाव है.
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