'भारत को ग्लोबल साउथ का लीडर बना रहे PM मोदी' इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोले अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषक इयान ब्रेमर
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बुधवार को 'Global Risk and India’s Rise: The View from Outside' पर एक सेशन को संबोधित करते हुए ब्रेमर ने कहा कि भारत कुछ सकारात्मक कहानियों में से एक है. उन्होंने कहा, 'देश इसके (भारत के) करीब आना चाहते हैं क्योंकि चीन को छोड़कर भारत की वैश्विक रणनीति तेजी से बढ़ रही है- ग्लोबल साउथ और पश्चिमी देशों के साथ.'
अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक इयान ब्रेमर ने 'इंडिया ऑफ द मूमेंट' पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को 'ग्लोबल साउथ' के लीडर के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भारत भी खुद को पश्चिमी देशों के लिए एक ब्रिज के रूप में स्थापित कर रहा है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बुधवार को 'Global Risk and India’s Rise: The View from Outside' पर एक सेशन को संबोधित करते हुए ब्रेमर ने कहा कि भारत कुछ सकारात्मक कहानियों में से एक है. उन्होंने कहा, 'देश इसके (भारत के) करीब आना चाहते हैं क्योंकि चीन को छोड़कर भारत की वैश्विक रणनीति तेजी से बढ़ रही है- ग्लोबल साउथ और पश्चिमी देशों के साथ.'
'पश्चिमी देशों के लिए एक ब्रिज बन रहा भारत'
उन्होंने कहा, 'हम तेजी से एक बहु-ध्रुवीय आर्थिक दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं और उन ध्रुवों में से एक भारत है.' भारत और चीन जैसी एशियाई शक्तियों के विकास की कहानियों में समानताएं दर्शाते हुए ब्रेमर ने कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ नई दिल्ली के संबंध अधिक टिकाऊ रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के दुश्मन घर में ही हैं, वे ज्यादातर भारत में हैं. वे वैश्विक नहीं हैं. वह (पीएम मोदी) न सिर्फ भारत को ग्लोबल साउथ के लीडर के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि भारत भी खुद को पश्चिमी देशों के लिए एक ब्रिज के रूप में स्थापित कर रहा है.'
'यूरोप, जापान और यूएस से भारत के संबंध अधिक टिकाऊ'
लगभग 37 लाख की आबादी वाले मणिपुर के इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं. लेकिन पिछले 1 साल में मणिपुर में जो हुआ, इसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की होगी. अदालत के एक आदेश के बाद 3 मई 2023 को मणिपुर की घाटी और पहाड़ों में रहने वाले 2 समुदायों के बीच ऐसी जंग छिड़ गई थी, जिसका अभी तक अंत नहीं हो सका है. इंफाल समेत पूरी घाटी में रहने वाले मैतेई बहुल इलाकों और घाटी के चारों तरफ पहाड़ों पर रहने वाले कुकी आदिवासी बहुल इलाकों के बीच एक अनकही खाई बन गई है.
डीजीपी ने कहा, 'जब आप किसी खतरे या चुनौती के बारे में बात करते हैं तो आप देखते हैं कि यह कितना गंभीर या बड़ा है. चुनौतियां सीमा पार से आ रही हैं और टेरर हैंडलर्स ने तय किया है कि वे इस तरह की आतंकी गतिविधियां को जारी रखेंगे. वे देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दिन अब गिनती के रह गए हैं क्योंकि घाटी में आतंकी ढांचे को बड़ा झटका लगा है.'