
भारत के लोग इजरायल जाकर हमास से क्यों ले रहे लोहा? जानें क्या है वजह
AajTak
इजरायल और हमास की लड़ाई में इजरायल की तरफ से लड़ने वालों में भारतीय मूल के यहूदी भी शामिल हैं. कुछ सैनिक तो कुछ साल पहले ही भारत से इजरायल जाकर बसे हैं और अब वो हमास के खिलाफ लड़ने जा रहे हैं.
हमास के नियंत्रण वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पर जमीनी कार्रवाई के लिए बड़े पैमाने पर इजरायली टैंक और तोपखाने गाजा सीमा की ओर बढ़ रहे हैं. इधर, यरुशलम में मणिपुर में पैदा हुए और पले-बढ़े 29 साल के एलीजार चुंगथांग मेनाशे अपने जूते पहन कर सैन्य ड्यूटी के लिए रिपोर्ट कर रहे हैं. एलीजार इजरायल में युद्ध लड़ने के लिए जाने वाले भारत में जन्मे अकेले यहूदी नहीं हैं बल्कि उनके साथ 200 से अधिक Bnei मेनाशे समुदाय के लोग हैं जो मणिपुर और मिजोरम से हैं. अब ये भारतीय मूल के इजरायली रिजर्व सैनिक अपना कर्तव्य निभाने निकल पड़े हैं.
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर अचानक से हजारों रॉकेट दागे और यहूदी देश में घुसपैठ की जिसमें 1,300 से अधिक लोग मारे गए. इसके बाद जवाबी कार्रवाई के लिए इजरायल ने अपने 360,000 रिजर्व सैनिकों को सैन्य ड्यूटी के लिए बुलाया है. जवाबी कार्रवाई में इजरायल गाजा पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है जिसमें 2,300 से अधिक लोग मारे गए हैं.
इजरायल अब गाजा पर जमीनी हमला करने जा रहा है और जिसमें भारत के एलीजार और उनके साथी यहूदी अहम भूमिका निभाएंगे.
एलीजार चुंगथांग मेनाशे को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका है और उन्होंने एलीट 13वीं गोलानी ब्रिगेड में काम किया है. गोलानी ब्रिगेड इजरायल रक्षा बलों (IDF) की सबसे अधिक सुसज्जित पैदल सेना यूनिट्स में से एक है और इसने इजरायल के सभी युद्धों में भाग लिया है.
डेगेल मेनाशे के कार्यकारी निदेशक आइजक थांगजोम ने इजराइल से IndiaToday.In से बातचीत में बताया, 'इजरायल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी हैं.
डेगेल मेनाशे के आइजक मणिपुर और मिजोरम से यहूदियों के इजरायल आने में भी मदद करते हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर यहूदी भारत पहुंचे कैसे? इससे भी रोचक सवाल यह है कि भारत और इजरायल के बीच कोई समुद्री रास्ता नहीं है बावजूद इसके एक यहूदी समुदाय भारत पहुंचकर नॉर्थ-ईस्ट में कैसे सर्वाइव कर गया?

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.






