
बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को बड़ी राहत, गुजरात सरकार ने राजद्रोह समेत 14 केस लिए वापस
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गुजरात सरकार ने पाटीदार समाज के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों से 14 आपराधिक मामले वापस लिए हैं, जिनमें दो राजद्रोह के मामले भी शामिल हैं. साल 2015 में पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर पहली रैली विसनगर में निकाली थी. इस रैली में शामिल हार्दिक पटेल और अन्य पर बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा था.
गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान पाटीदार समाज के अनेक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे. आंदोलन का हिस्सा रहे हार्दिक पटेल सहित अनेक पाटीदार नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. अब इनमें से गुजरात सरकार ने 14 आपराधिक मामले वापस लिए हैं, जिनमें दो राजद्रोह के मामले भी शामिल हैं.
गुजरात सरकार द्वारा केस वापस लेने की घोषणा पाटीदार समाज के नेता और वर्तमान में भाजपा विधायक हार्दिक पटेल ने की है. इस मुद्दे पर पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति से जुड़े रहे अल्पेश कथीरिया से आजतक ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि भाजपा में शामिल होने का फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में 14 लोगों की जाने गई है, जिसका दुख है.
संपत्ति को क्षति पहुंचाने का लगा था आरोप सरदार पटेल ग्रुप ने साल 2015 में पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर पहली रैली विसनगर में निकाली थी. इस रैली में शामिल हार्दिक पटेल और अन्य पर बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा था. इस मामले में कोर्ट ने हार्दिक को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. हार्दिक सुप्रीम कोर्ट गए और सर्वोच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगा दी थी.
सूरत में हुई रैली के बाद हार्दिक चर्चा में आए
हार्दिक पटेल के लिए 2015 की रैली तो बस आगाज थी. बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ हुआ तो हार्दिक के नाम की चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन हार्दिक चर्चा में सूरत रैली से आए. सरदार पटेल ग्रुप के बैनर तले निकली इस रैली में तीन लाख से अधिक लोग जुटे थे और यहीं से शुरू हुआ था, पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन. और यहीं से शुरू हुआ हार्दिक पटेल के नेता बनने का सफर.

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