बीजेपी नेता का ऑफिस, दफ्तर में फायरिंग और कत्ल... ऐसे उलझी है वेदिका ठाकुर मर्डर केस की गुत्थी
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उस लड़की का नाम वेदिका ठाकुर था. करीब दस दिनों तक अस्पताल में पड़ी-पड़ी जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही और आखिरकार उसने 26 जून को दम तोड़ दिया. उसे गोली मारी गई थी. पर कौन थी वेदिका ठाकुर? उसे गोली किसने और क्यों मारी? जानिए पूरी कहानी...
एक शख्स एक लड़की को गोली मारता है. उसके बाद वो घायल लड़की को अपनी कार में बैठाकर यूं ही करीब 5 घंटे तक सड़कों पर दौड़ता फिरता है. फिर वो एक अस्पताल में अपनी कार रोकता है और लड़की को अंदर ले जाता है. अस्पताल में उसकी हालत देखकर डॉक्टर जवाब दे देते हैं. फिर वो लड़की को दूसरे अस्पताल में ले जाता है और वहां लड़की को छोड़कर गायब हो जाता है. खौफनाक कत्ल की ये कहानी मध्य प्रदेश के जबलपुर की है. उस लड़की का नाम वेदिका ठाकुर था, जो करीब दस दिनों तक अस्पताल में पड़ी-पड़ी जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही. आखिरकार उसने 26 जून को दम तोड़ दिया. उसे गोली मारी गई थी. पर कौन थी वेदिका ठाकुर? वेदिका को गोली किसने और क्यों मारी? 26 साल की वेदिका के साथ आखिर किसी की क्या दुश्मनी थी?
वेदिका की मौत के बाद क्यों पुलिस और शासन गंभीर सवालों के घेरे में आ गए? आखिर क्यों इन दिनों मध्य प्रदेश के जबलपुर में हर तरफ वेदिका के चर्चे हैं? तो इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए आपको आज से ठीक 11 दिन पीछे चलना होगा.
16 जून 2023, सुबह 11.30 बजे, धनवंतरीनगर, जबलपुर
यही वो वक्त था जब एमबीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही वेदिका अपने दोस्त और बीजेपी नेता प्रियांश विश्वकर्मा से मिलने उसके दफ्तर पहुंची थी. वेदिका करीब डेढ घंटे तक प्रियांश के साथ उसके दफ्तर में रही. मगर, इसके बाद अचानक न जाने क्या हुआ कि प्रियांश के दफ्तर में ही वेदिका को रहस्यमयी हालत में गोली लग गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया.
गोली लगने से लेकर उसे अस्पताल पहुंचाए जाने तक उस रोज इतना कुछ हुआ कि वेदिका पर हुए इस हमले की कहानी बुरी तरह से उलझ कर रह गई है. खबरों के मुताबिक, वेदिका को गोली दोपहर करीब 1 बजे के आस-पास लगी और प्रियांश उसे इलाज के लिए अस्पताल शाम करीब साढे छह बजे लेकर पहुंचा. सवाल है, आखिर क्यों?
नहीं दी थी गोली लगने की जानकारी
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