
बिजनौर DM का सरकारी बंगला कुर्क करने का आदेश, मुआवजा न देने पर कोर्ट का सख्त रुख
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Bijnor News: भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से जुड़े एक पुराने मामले में मुरादाबाद की 'भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण' (LARA Court) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने बिजनौर की जिलाधिकारी (DM) जसजीत कौर के सरकारी आवास को कुर्क करने का आदेश जारी किया है.
UP News: बिजनौर जिले से जुड़ा भूमि अधिग्रहण का एक पुराना मामला अब बड़ा कानूनी मोड़ ले चुका है. मुरादाबाद की भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण की अदालत ने जिला अधिकारी जसजीत कौर के सरकारी आवास को कुर्क करने का आदेश दिया है. साथ ही डीएम को अदालत में पेश होने के लिए तलब भी किया गया है.
यह मामला जमीन अधिग्रहण के मुआवजे से जुड़ा हुआ है. याचिकाकर्ता का कहना है कि अदालत द्वारा मुआवजा देने का आदेश पहले ही दिया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन ने जमीन के मालिक को अब तक राशि का भुगतान नहीं किया. पीड़ित का आरोप है कि यह मामला कई वर्षों से लटकाया जा रहा है.
अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित के वकील ने बताया कि मुआवजे के मामले में डीएम बिजनौर की ओर से कोई भी रिपोर्ट या जवाब अदालत में पेश नहीं किया गया. वकील ने यह भी कहा कि अदालत के आदेशों और नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं किया गया, जो न्याय प्रक्रिया की अनदेखी है.
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि मुआवजा देने का फैसला पहले ही हो चुका था और कई बार प्रशासन को याद दिलाया गया, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी. ऐसे में मजबूरी में उसने डीएम के सरकारी आवास को कुर्क करने की मांग की, ताकि उसे उसका हक मिल सके.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुरादाबाद की लारा कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सख्त आदेश जारी किया. अदालत ने स्पष्ट किया कि कुर्की के दौरान डीएम अपने सरकारी आवास को न तो किसी को सौंप सकेंगी और न ही उससे किसी तरह का आर्थिक लाभ ले सकेंगी. हालांकि, प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार वे आवास का उपयोग कर सकेंगी.
इसके साथ ही अदालत ने कुर्क की गई संपत्ति के संबंध में आगे की शर्तें तय करने के लिए डीएम बिजनौर को आगामी सुनवाई में अदालत के सामने उपस्थित होने का आदेश दिया है. इस फैसले के बाद जिले में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है.

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