बर्फबारी में खो गए रास्ते... सफेद चादर में लिपटे गुलमर्ग-सोनमर्ग, Video में देखें मनमोहक नज़ारा
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पहाड़ों पर भारी बर्फबारी का दौर जारी है. कश्मीर में चिल्लई कलां की शुरुआत होने के साथ अगले 40 दिन जमा देने वाली ठंड रहेगी. कश्मीर में कई जगहों पर जबरदस्त बर्फबारी से पहाड़ों पर सफेद चादर ढकी है. वहीं, लेह भी व्हाइट वंडरलैंड में बदल गया है. सोनमर्ग का सुंदर दृश्य मनमोहक है. आकाश से बर्फ बरस रही है और घरों पर जम रही है.
कश्मीर घाटी बर्फबारी से गुलजार हो गई है. घाटी के पत्थरों पर कुदरत ने गजब की नक्काशी की है. कश्नीर खूबसूरत बर्फबारी से घिरा हुआ है. चिल्लई कलां की शुरुआत के साथ ही रविवार, 21 दिसंबर को कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त बर्फबारी की शुरुआत हो गई है. पहाड़ों पर खेत-खलिहानों से लेकर पेड़ों तक पर बर्फ ही ही बर्फ है, जहां तक नजर जाती है सिर्फ बर्फ की नजारा है.
शोपियां में पीर की गलियों में बर्फ की मोटी परत है. लोगों के घरों पर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है. बर्फ को हटाने के लिए जो क्रेन लगाई गईं थीं उन पर भी बर्फ जमा है. इतनी बर्फबारी हुई है कि रास्ते खो गए हैं.
सोनमर्ग में बर्फ का कब्जा सोनमर्ग में भी बर्फ का ही कब्जा है. इस बर्फबारी ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ उन लोगों को खुश कर दिया है जो सोनमर्ग घूमने गए हैं, सैलानियों में गजब का उत्साह है. सोनमर्ग में कई रास्तों पर कई फीट तक बर्फ जमी है. सोनमर्ग का सुंदर दृश्य मनमोहक करने वाला है. आकाश से बर्फ बरस रही है और घरों पर जम रही है, ऐसे ही सुंदर दृश्य कश्मीर को जन्नत कहलाते हैं.
कश्मीर के ही गुरेज में फिलहाल बर्फबारी रुक गई है. हालांकि, घरों पर बर्फ जमी है, पेड़ों पर बर्फ है, बिजली के खंभों पर भी बर्फ है. रास्ते पर इतनी बर्फ है कि गाड़ी से चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. माना जा रहा है कि कश्मीर में अभी तो बर्फबारी की शुरुआत हुई है. चालीस दिन चलने वाला चिल्लई कलां के दिन जैसे- जैसे बीतेंगे तो और बर्फबारी होगी. जिसकी वजह से हाड़ कंपाने वाली ठंड बढ़ेगी.
बता दें कि चिल्लई कलां कश्मीर में सर्दियों के 40 दिनों के सबसे कठोर और भीषण ठंड के दौर को कहते हैं. जो हर साल 21 दिसंबर से शुरू होकर 29/31 जनवरी तक चलता है. जिसमें तापमान शून्य से नीचे चला जाता है और भारी बर्फबारी होती है. नदियां-झरने जमने से जनजीवन काफी प्रभावित होता है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी हुई है. मनाली में बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं. सैलानियों की चहल-पहल से मनाली में रौनक है. बता दें कि मनाली हिमाचल प्रदेश के उन शहरों में से एक है, जो सैलानियों को बहुत पसंद आते हैं. इसीलिए सर्दियों में सैलानी इधर का रुख करते हैं.

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पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी से जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख और उत्तराखंड के इलाकों में ठंड बढ़ गई है. कश्मीर घाटी में बर्फबारी की शुरुआत हो चुकी है, जहां बर्फ की सफेद चादर ने पूरे क्षेत्र को सुंदर बना दिया है. लेह में पहली बर्फबारी ने उस इलाके को एक सपने जैसा दृश्य दिया है. पर्यटक भी इस बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं. द्रास जैसी ठंडी जगहों में बर्फबारी ने शीतकालीन खेलों को भी जन्म दिया है. हालांकि, इस बारिश के कारण आवाजाही में कठिनाइयां भी आ रही हैं. मैदानी इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है. यह बर्फबारी किसानों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे कृषि के लिए आवश्यक जल स्रोत बढ़ेंगे. मौसम विभाग ने जब से दिसंबर की शुरुआत में बर्फबारी की सूचना दी थी, तब से यह सिलसिला लगातार जारी है. आने वाले दिनों में भी कश्मीर, लद्दाख, और उत्तरी हिमालयी राज्यों में बर्फबारी और ठंड बढ़ने की संभावना है. बर्फबारी से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा. यह मौसम किसानों और पर्यटकों दोनों के लिए फलदायक साबित हो रहा है.

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