
बागी विधायकों की फर्स्ट च्वाइस रही है बीजेपी, 5 साल में 182 ने ली है शरण
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विधायकों की बगावत का सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होता है. 2016 से 2020 के बीच 405 विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी, जिनमें से 182 विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. इन पांच साल में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ.
Maharashtra Political Crisis: पहले कर्नाटक, फिर मध्य प्रदेश और अब महाराष्ट्र. विधायकों की बगावत का खेल अब महाराष्ट्र में भी शुरू हो गया है. शिवसेना विधायक और उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. इससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार संकट में आ गई है. अगर कर्नाटक और मध्य प्रदेश में जो हुआ, वही महाराष्ट्र में होता है तो उद्धव की सरकार भी गिर जाएगी.
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. एक विधायक के निधन से अभी एक सीट खाली है तो इस हिसाब से अभी 287 विधायक हैं. सरकार बनाने या बचाए रखने के लिए 144 विधायकों का समर्थन जरूरी है. अभी महाविकास अघाड़ी सरकार के पास 153 विधायक हैं. इनमें शिवसेना के 55, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. हालांकि, एकनाथ शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायक हैं. अगर ये बागी विधायक पाला बदलकर बीजेपी के पास जाते हैं, तो महाराष्ट्र में फिर से बीजेपी की सरकार बनना लगभग तय है.
दरअसल बागी विधायकों की पहली पसंद बीजेपी ही रहती है. आंकड़े बताते हैं कि 5 सालों में 405 विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ी. इनमें से करीब 45 फीसदी विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. ये आंकड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के हैं. इसमें 2016 से 2020 के 5 साल में पार्टी छोड़ने वाले और दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों का एनालिसिस किया गया था. एडीआर की ये रिपोर्ट पिछले साल मार्च में आई थी.
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बगावत से सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को
- मार्च 2021 की एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 2016 से 2020 के बीच देश भर की विधानसभाओं के 405 विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी. इनमें से 182 यानी 45% विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.

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