बढ़ेगी नीतीश की बारगेनिंग पावर, कांग्रेस की एक्सेपटेंस में गिरावट... नतीजों से I.N.D.I.A अलायंस में क्या-क्या बदलेगा?
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मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नतीजों ने I.N.D.I.A अलायंस में खलबली मचा दी है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आनन-फानन में 6 दिसंबर को I.N.D.I.A की एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में इन चुनाव के नतीजों पर चर्चा होगी.
चार राज्यों के विधानसभा चुनावों ने कांग्रेस की कई धारणाओं को तोड़ दिया है. कांग्रेस के राणनीतिकारों को लग रहा था कि विधानसभा चुनाव में वे अपने दम पर बीजेपी को पटखनी देंगे. कांग्रेस को लग रहा था कि जिस जीत को अकेले हासिल किया जा सकता है, उसका क्रेडिट I.N.D.I.A अलायंस के साझीदारों को क्यों देना? कांग्रेस को लग रहा था कि विधानसभा चुनाव जीतकर पार्टी I.N.D.I.A अलायंस में सबसे मजबूत होकर उभरेगी. लेकिन कांग्रेस का आकलन चुनाव के नतीजों के सामने मुंह के बल गिरा. हिंदी हार्टलैंड में पार्टी छिन्न-भिन्न हो गई. पार्टी को राजस्थान गंवाना पड़ा है. छत्तीसगढ़ भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई है और जिस मध्य प्रदेश से कांग्रेस को बड़ी-बड़ी उम्मीदें थी वहां भी पार्टी का चुनावी गणित भरभराकर गिर पड़ा है.
चुनाव के इन नतीजों ने साबित किया है कि कांग्रेस के लिए I.N.D.I.A अलायंस के साझेदार कितने जरूरी हैं. चुनाव नतीजों के बाद केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कांग्रेस के घमंड पर वार किया. विजयन ने कहा, "बीजेपी जैसी राजनीतिक दुश्मन का सामना करने के लिए ये जरूरी था कि कांग्रेस संयुक्त रूप से टक्कर देती, लेकिन ऐसा करने के बाद कांग्रेस ने सोचा कि वो जीत गई, कांग्रेस को लगा कि उनके पास बड़ी ताकत है और उन्हें कोई हरा नहीं सकता है, पार्टी की इसी सोच की वजह से उनकी ये गति हुई है."
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव इंडिया अलायंस का हिस्सा रहते हुए एमपी में अलग चुनाव लड़े थे. अखिलेश ने एमपी में 74 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. अखिलेश ने एमपी में कांग्रेस से सीटें मांगी भी थी, लेकिन अति आत्मविश्वास में कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी.
इसे लेकर अखिलेश ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में साथ रहना है या नहीं, वह इस पर विचार करेंगे. बता दें कि इस चुनाव में अखिलेश की पार्टी एक अच्छी खासी शक्ति के रूप में देखी जा रही थी. एमपी में सपा ने कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान भी पहुंचाया. निवाड़ी ऐसी ही एक सीट है. अगर एमपी में इंडिया अलायंस के गठबंधन तले विपक्ष चुनाव लड़ने उतरता तो तस्वीर अलग हो सकती थी.
कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी नाराजगी जताई थी. लेफ्ट की एक रैली में पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा था कि इंडिया अलायंस को लेकर कांग्रेस का रवैया उदासीन है. नीतीश ने कहा था कि कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त है और चुनाव खत्म होने के बाद इस पर बात की जाएगी.
वहीं इन चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने इंडिया अलायंस को लेकर एक बार फिर से सक्रियता दिखाई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को I.N.D.I.A की बैठक बुलाई है ताकि इस चुनाव के नतीजों और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की जा सके.