बंगाल में पांच दशक बाद विधान परिषद बहाल करने में जुटीं ममता बनर्जी, मोदी सरकार पर नजर
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में विधान परिषद बनाने के चुनावी वादे को मंजूरी दे दी. इसे अब राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद विधानसभा से पारित कराकर राज्य सरकार यह प्रस्ताव संसद की स्वीकृति हेतु केंद्र सरकार के पास भेजेगी. पांच दशक के बाद बंगाल में विधान परिषद का गठन किया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल में पांच दशक के बाद एक बार फिर से विधान परिषद का गठन किया जा रहा है. टीएमसी प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में विधान परिषद बनाने के चुनावी वादे को मंजूरी दे दी. इसे अब राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद विधानसभा से पारित कराकर राज्य सरकार यह प्रस्ताव संसद की स्वीकृति हेतु केंद्र सरकार के पास भेजेगी. ऐसे में अगर केंद्र की मोदी सरकार इसे मंजूरी नहीं देती है तो बंगाल की ममता सरकार के साथ टकराव की स्थिति बन सकती है. बता दें कि ममता बनर्जी ने हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान कई कई नेताओं को उम्र की वजह से टिकट सूची से बाहर रखा था, जिन्हें विधान परिषद सदस्य बनाए जाने का वादा किया था. पश्चिम बंगाल में फिलहाल 294 सदस्यीय विधानसभा है, लेकिन राज्य में विधान परिषद की व्यवस्था नहीं है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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