बंगाल: गलतफहमी के कारण स्थानीय लोगों ने CISF पर हमला किया, फिर फायरिंग की घटना हुई: EC
AajTak
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के चुनाव के बीच कूचबिहार में भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि पोलिंग बूथ पर गोलीबारी की घटना स्थानीय लोगों द्वारा 'गलतफहमी' की वजह से सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के बाद हुई.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान कोच बिहार में बड़ी घटना हुई. यहां हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सितालकुची विधानसभा सीट के एक पोलिंग बूथ पर गोलीबारी की घटना स्थानीय लोगों द्वारा 'गलतफहमी' की वजह से सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के बाद हुई. आयोग ने सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने की बात भी कही है. फायरिंग की इस घटना में 4 लोग मारे गए थे. ये थी घटना सुबह करीब 9.45 पर सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 126 पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा था. इसी दौरान मतदान केंद्र के पास मानिक एमडी नाम का एक लड़का दिखाई दिया, जो बीमार था. दो से तीन स्थानीय महिलाएं उसकी देखरेख कर रही थीं. स्थानीय पुलिस के अनुसार सीआईएसएफ के जवान बूथ पर मौजूद थे, उन्होंने मानिक के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की और स्थानीय लोगों से उसे बूथ पर मौजूद स्थानीय पुलिस की गाड़ी से हॉस्पीटल भेजने के बारे में कहा. इस दौरान कुछ लोगों ने सोचा कि लड़के को सीआईएसएफ के जवानों ने पीटा है. बस इसी गलतफहमी के कारण कुछ लोगों ने शोर करना शुरू कर दिया. इस बीच वहां ग्रामीणों की भीड़ जुटना शुरू हो गई. बताया गया है कि 300-350 की संख्या में ग्रामीण मौके पर आ गए, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं. जो बेहद गुस्से में थीं और किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती थीं.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.