फिरौती की मांग नहीं की पूरी, हैकर्स ने डार्क वेब पर डाला केरल पुलिस का नागरिक सेवा डेटा
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साइबर क्राइम की इस वारदात को अंजाम देने वाले हैकर्स ने सरकारी पश्चिम बंगा ग्रामीण बैंक का डेटा चुराने और 9 लाख रुपये से अधिक की मांग करने का भी दावा किया है.
हैकर्स के एक समूह ने केरल पुलिस के ऑनलाइन नागरिक सेवा प्लेटफॉर्म में सेंध लगाने का दावा किया है और चुराए गए डेटा को हटाने के लिए €2500 और 2.25 लाख की फिरौती मांगी है. यह डेटा कथित तौर पर पुलिस के 'थुना' नागरिक सेवा पोर्टल से चुराया गया था.
19 मार्च को हैकर्स गिरोह किलसेक ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक पोस्ट में कथित उल्लंघन की घोषणा की और केरल पुलिस से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड, ओपन-सोर्स मैसेंजर के जरिए बातचीत करने के लिए कहा. यह सोर्स मैसेंजर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो पूर्ण गोपनीयता और किसी भी प्रकार की निगरानी से मुक्ति चाहते हैं. उस गिरोह ने सबूत के तौर पर डिजिटल लूट के नमूने भी साझा किए.
हैकर्स ने उनसे संपर्क करने के लिए एक यूनीक चैट सेशन आईडी (unique chat session ID) के साथ शेयर किया कि डेटा उल्लंघन को मिटाने के लिए, हम 2500 € की फिरौती मांगते हैं. जिसमें सौदेबाजी हो सकती है.
कुछ दिनों बाद, साइबर हमलावरों ने कथित चोरी किए गए डेटा को डार्क वेब पर होस्ट की गई एक वेबसाइट पर पब्लिश कर दिया.
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने डेटा की समीक्षा की. इसका आकार लगभग 11 एमबी है और इसमें छोटे-मोटे अपराधों के संबंध में नागरिकों की शिकायतें और बंद घरों और पुलिस अधिकारियों के साथ व्यक्तियों की नियुक्तियों के मैनेजमेंट से संबंधित जानकारी शामिल है.
डेटा में ड्राइविंग, पार्किंग, रेत खनन, ऑनलाइन उत्पीड़न, सड़क किनारे विक्रेताओं द्वारा किए गए उपद्रव और नकली नोट छापने के फेसबुक विज्ञापन से संबंधित शिकायतें शामिल हैं. इसमें पुलिस वाहनों के खिलाफ शिकायतें और लगातार कई दिनों से बंद घरों की जानकारी भी शामिल है.
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