
'पायलट बनें CM कोई दिक्कत नहीं, इस्तीफे पर साइन कराना गलत', गहलोत समर्थक विधायकों के बदले सुर
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राजस्थान के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच गहलोत समर्थक कुछ विधायकों के बदले सुर बदल गए हैं. इंदिरा मीणा, जितेंद्र सिंह और मदन प्रजापति के बाद अब चौथे विधायक संदीप यादव ने भी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने का राग अलापा है. जबकि ये चारों ही विधायक सीएम गहलोत के वफादार मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई बगावती बैठक में मौजूद थे.
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर मची घमासान पर कांग्रेस आलाकमान की सख्ती का असर दिखने लगा है. इंदिरा मीणा, जितेंद्र सिंह और मदन प्रजापति के बाद अब अशोक गहलोत समर्थक चौथे विधायक संदीप यादव ने भी पलटी मार दी है. ये विधायक अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का राग अलापने लगे हैं. बता दें कि चारों ही विधायक रविवार की शाम गहलोत के वफादार मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई बैठक में शामिल थे.
मंगलवार सुबह ही गहलोत खेमे के विधायक संदीप यादव ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा, ''मैं कांग्रेस हाईकमान के साथ हूं. उनका हर फैसला मुझे मंजूर है.'' वहीं, मदन प्रजापति ने भी अपना रुख बदलते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर एतराज नहीं होने की बात कह डाली.
'एक कागज पर साइन करा लिया'
इससे पहले गहलोत खेमे की विधायक इंदिरा मीणा ने कहा था कि हमें पहले मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था. मगर बाद में कहा गया कि शांति धारीवाल के घर आओ. वहां जाने पर एक कागज पर साइन करा लिया और वो हमने पढ़ा नहीं. हमारा सचिन पायलट से कोई विरोध नहीं है. वह सीएम बनते हैं तो हमारे लिए अच्छा रहेगा.
'इस्तीफे का काम गलत'
वहीं, शांति धारीवाल के घर इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा था, इस्तीफे का काम गलत है. मैं आलाकमान के साथ हूं, चाहे जिसे मुख्यमंत्री बनाए मैं साथ दूँगा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें विधायक दल की बैठक के लिए मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था, जहां से फोन कर धारीवाल के बंगले पर बुला लिया गया. बता दें कि शांति धारीवाल शहरी विकास और आवास विकास (UDH) और संसदीय कार्य मंत्री हैं. उन्होंने गहलोत गुट में शामिल विधायकों की अपने घर पर बैठक बुलाकर पायलट को मुख्यमंत्री न बनने देने की रणनीति बनाई. गहलोत के पहले के कार्यकाल के दौरान भी धारीवाल यूडीएच और गृह मंत्री भी रह चुके हैं.

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