पाकिस्तान को हमेशा बेचैन करता रहेगा 1971 का दर्द
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पाकिस्तान को पहली बार भारत से करारा जवाब गरीबपुर की लड़ाई में दिया गया था. 1971 का वो युद्ध जब भारत ने पाकिस्तान को अपनी शक्ति बता दी थी. ये लड़ाई जमीन से लेकर आसमान तक लड़ी गई और पाकिस्तान को इमरजेंसी लगाने पर मजबूर कर दिया. बंटवारे के बाद ही पाकिस्तान ने बर्बादी चुन ली थी, 1971 में टूटा, लेकिन फिर भी क्यों नहीं सुधरा पाकिस्तान.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बधाई देते हुए कहा कि तीसरी बार पद्भार संभालने पर मोदी जी को मेरी हार्दिक बधाई. हालिया चुनावों मं आपकी पार्टी की जीत से आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास का पता चलता है. आइए, नफरत को उम्मीद से खत्म कर दें और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों के भाग्य को चमकाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.