पाकिस्तान: ईशनिंदा मामले में 'मानसिक रूप से बीमार' महिला को सज़ा-ए-मौत
BBC
लाहौर की एक अदालत ने ईशनिंदा के मुक़दमे में एक मुसलमान महिला को सज़ा सुनाई है. क्या है पूरा मामला, पढ़िए
लाहौर की एक अदालत ने तौहीन-ए-रिसालत (ईशनिंदा) के मुक़दमे में एक मुसलमान महिला को सज़ा-ए-मौत और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है.
फ़ैसले के तहत दोषी महिला सात दिन के अंदर-अंदर अपनी सज़ा के ख़िलाफ़ लाहौर हाई कोर्ट में अपील कर सकती हैं.
महिला पर साल 2013 में थाना नश्तर कालोनी में पाकिस्तान पीनल कोड के सेक्शन सी-295 के तहत ईशनिंदा के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया गया था.
एडिशनल एंड सेशंस जज मंसूर अहमद क़ुरैशी ने सोमवार को केस का ट्रायल पूरा होने पर अपने फ़ैसले में ये लिखा है कि ये बात काफ़ी स्पष्ट है कि अभियुक्त (सलमा तनवीर) मानसिक तौर पर विकलांग थीं वरना उन्होंने इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री न लिखी होती और न उसे बांटा होता.
उन्होंने कहा, "हालांकि, सवाल ये है कि क्या इस तरह के गंभीर अपराध के अभियुक्त को बरी करने के लिए मानसिक बीमारी का आधार काफी है? क़ानून इसे मान्यता नहीं देता है."