
पहले साइरस मिस्त्री, अब ऋषभ पंत... 2022 के मर्सिडीज बेंज के दो चर्चित सड़क हादसे
AajTak
क्रिकेटर ऋषभ पंत सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गए हैं. हालांकि, उनकी हालत स्थिर है. पंत के साथ ये सड़क हादसा तब हुआ, जब वो दिल्ली से रूड़की जा रहे थे. वो मर्सिडीज बेंज में सवार थे. इस साल का ये दूसरा बड़ा सड़क हादसा है, जिसमें मर्सिडीज बेंज शामिल है. इससे पहले सितंबर में साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज का भी एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी.
Rishabh Pant Car Accident: मां को सरप्राइज देने घर जा रहे क्रिकेटर ऋषभ पंत सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए. दिल्ली से रूड़की जाते समय दिल्ली-देहरादून हाईवे पर उनका एक्सीडेंट हो गया. उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई थी. टकराते ही कार में आग लग गई. गनीमत रही कि पंत की जान बच गई और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.
ऋषभ पंत जिस कार में सफर कर रहे थे वो Mercedes-AMG GLE 43 4MATIC Coupe थी. सड़क और परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 25 सितंबर 2019 को हुआ था और ये कार ऋषभ पंत के नाम पर ही है.
इस साल का ये दूसरा ऐसा बड़ा हादसा है जिसमें मर्सिडीज बेंज शामिल है. इससे पहले इसी साल सितंबर में सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी. उस हादसे में मिस्त्री के दोस्त जहांगीर दिनशॉ पंडोले की भी मौत हो गई थी. मिस्त्री Mercedes Benz GLC 220 D 4MATIC में सवार थे.
इस कार को मुंबई की गाइनेकोलॉजिस्ट अनाहिता पंडोले चला रही थीं. बगल में उनके पति डेरियस पंडोले बैठे थे. साइरस मिस्त्री और जहांगीर दिनशॉ ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था और उनकी मौत की वजह यही माना जा रहा था. जबकि, आगे की सीट पर सवार अनाहिता और डेरियस ने सीट बेल्ट पहन रखा था और उनकी जान बच गई थी. हालांकि, हादसे में अनाहिता और उनके पति डेरियस बुरी तरह घायल हो गए थे.
ऋषभ पंत के साथ क्या हुआ?
ऋषभ पंत के साथ ये हादसा शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे के आसपास हुआ. वो अपने रिश्तेदारों से मिलने रूड़की जा रहे थे. कार चलाते हुए उन्हें झपकी आ गई थी, जिस कारण कार डिवाइडर से टकरा गई.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










