पटना मॉडल मर्डर: लेडी मास्टरमाइंड और कत्ल की खौफनाक साजिश का खुलासा
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पुलिस ने सबसे पहले मोना के मोबाइल फ़ोन की कॉल डिटेल्स निकलवाई और इत्तेफ़ाक से कॉल डिटेल्स निकलवाते ही पुलिस को इस मामले में पहला सुराग मिलने की उम्मीद भी बंध गई. असल में मोना का मोबाइल फ़ोन ये बता रहा था कि वो अपने पति के अलावा भी किसी शख्स से दिन में कई-कई बार काफ़ी लंबी बातें किया करती थी.
अमूमन कत्ल के अनसुलझे मामलों के बारे में कहा जाता है कि अगर मरने वाला किसी तरह बच जाता तो पक्का कातिल का नाम खुद बता देता. पर अधिकतर ऐसा नहीं होता है. पटना की एक नामचीन मॉडल और मिसेज बिहार की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. मगर मौत से पहले वो करीब 5 दिन अस्पताल में जिंदा रहती है. इस दौरान पुलिसवाले कई बार उसके पास जाते हैं. उसके बयान दर्ज करते हैं. लेकिन वो कातिल का नाम नहीं बता पाती और पांच दिन बाद उसकी मौत हो जाती है. अब पुलिस को कातिल की तलाश थी. पुलिस ने कातिल को ढूंढ भी लिया. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जिसे पुलिस कातिल समझती रही, असली कातिल तो उसके पीछे था.
जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.