पटना टू दिल्ली ट्रैवल करने की तैयारी में नीतीश कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बना ये नेशनल प्लान
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बिहार की सियासत में उथल-पुथल के समय इस बात की चर्चा थी कि नीतीश कुमार तो बिहार के मुख्यमंत्री हैं ही. वे बस सीएम की कुर्सी के लिए पाला नहीं बदलेंगे. चर्चा नीतीश की पीएम उम्मीदवारी को लेकर थी. अब पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर्स, जेडीयू नेताओं के बयान और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बने प्लान... सभी इसी तरफ इशारा कर रहे हैं.
नीतीश कुमार ने जब बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था, तभी इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि उनकी नजर बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी से कुछ अधिक पर है. नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में भी भावनात्मक अपील करते हुए ये कह दिया था कि ये उनका अंतिम चुनाव है. बिहार की सियासत में अलगाव के साथ शुरू हुई जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सियासी रार अब दिल्ली पहुंचती नजर आ रही है.
बिहार की राजधानी पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है और इस बैठक के जरिये पार्टी ने ये साफ संकेत दे दिए हैं कि नीतीश कुमार पटना से दिल्ली ट्रैवल करेंगे. नीतिश कुमार 5 से 7 सितंबर तक दिल्ली की यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री विपक्ष के नेताओं के साथ मुलाकात कर 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता को लेकर चर्चा करेंगे. नीतीश की पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बीजेपी को 2024 में 50 सीटों पर समेटने का नारा दे ही दिया है, इसके लिए खास रणनीति भी बना ली है.
सौम्यता की सियासत के लिए पहचाने जाने वाले सुशासन बाबू के तेवर भी बदल गए हैं. नीतीश कुमार कुछ दिन पहले तक अपनी गठबंधन सहयोगी रही बीजेपी को सत्ता से उखाड़ने का दंभ भर रहे हैं तो वहीं ये भी कहने से नहीं चूक रहे कि देश में लोकतंत्र खतरे में है. प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारी के सवाल नीतीश कुमार जहां मुस्करा कर, हाथ जोड़कर पूरी विनम्रता के साथ टालते रहे हैं वहीं उन्हीं के पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ये नारा लगाने से नहीं चूक रहे कि 'हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो'.
बिहार की सड़कों पर भी जेडीयू ने ऐसे पोस्टर लगवाए हैं जिससे एक संदेश साफ हो जा रहा है कि पार्टी नीतीश कुमार के 2024 के चुनाव में पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर जमीन तैयार करने में अभी से ही कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसे लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. जेडीयू ने 2024 में बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए आक्रामक रणनीति तैयार की है.
तीन चीजों पर जेडीयू का पूरा फोकस
जेडीयू का पूरा फोकस अब तीन चीजों पर होता नजर आ रहा है- सोशल मीडिया, आक्रामक प्रचार और संगठन का विस्तार. जेडीयू की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एजेंडा कहने के लिए चाहे जो भी हो, निष्कर्ष रूप में यही तीन बातें सामने आ रही हैं. जेडीयू ने बिहार ने देखा, अब भारत देखेगा के पोस्टर पहले ही लगा दिए थे. पटना में लगे इन पोस्टर्स पर लिखे नारे को साकार रूप देने के लिए पार्टी का फोकस अपनी नीतियों का प्रचार और सत्ता पक्ष की खामियां गिनाने के लिए बिहार के बाहर दूसरे प्रदेशों पर है.
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