पंजाब में गहराया सियासी संकट, कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक्शन पर घिरे कैप्टन अमरिंदर! सीएम के खिलाफ बगावत
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विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब कांग्रेस में बगावत की जंग शुरू होती नजर आ रही है. चंडीगढ़ में पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं, विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई. बैठक में कैप्टन सरकार के लगातार पार्टी नेताओं के खिलाफ लिए जा रहे एक्शन का जिक्र किया गया, जिस पर मंथन चला. चरणजीत सिंह, मी टू मामले में भी पहले चर्चा में रह चुके हैं.
पंजाब में कांग्रेस के बीच जारी कलह लगातार बढ़ता जा रहा है. चंडीगढ़ में पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आवास पर 5 मंत्रियों, 7 विधायकों और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने एक मीटिंग की और इस दौरान पूरी स्थिति को लेकर चर्चा की गई. इस मीटिंग को गुप्त रखने की कोशिश की गई लेकिन मीडिया को जानकारी मिल गई कि पंजाब कांग्रेस के नाराज नेताओं की एक मीटिंग कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर जारी है. चरणजीत सिंह चन्नी वही मंत्री हैं, जिनके ऊपर 2 साल पहले एक आईएएस अफसर ने 'मी टू' के आरोप लगाए थे और किसी तरह से चन्नी अपनी कुर्सी बचा सके थे. हाल ही में पंजाब महिला आयोग ने इस पूरे मामले को फिर से खोलने की तैयारी कर ली है. 2 साल पुराने मामले को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार से जवाब तलब किया है. इसी वजह से माना जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर पर ये मीटिंग की गई. इस दौरान इस मीटिंग में वर्तमान विधायक और मंत्री मौजूद रहे जो कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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