
नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात ने बढ़ाई राजनीतिक सुगबुगाहट, एक महीने के भीतर दूसरी बार मिले
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एक महीने के अंदर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव से मुलाकात हो गई है. इस बैठक ने राजनीति सुगबुगाहट बढ़ा दी है और अटकलों का बाजार गर्म है.
बिहार की सियासी फिजा में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मुलाकात हुई है. जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सियासी पारा हाई है. इसी बीच तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मुलाकात की. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से वन-टू-वन पूरे पौने घंटे तक मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले तेजस्वी यादव ने कहा था कि वो हर कीमत पर बिहार में जातीय जनगणना चाहते हैं और इसे पूरा होने तक वो प्रयास जारी रखेंगे.
मुख्यमंत्री से 45 मिनट मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जातीय जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जाएगी. इसपर देर होने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि सबका अपना-अपना तरीका होता है काम करने का. तेजस्वी ने कहा कि फिलहाल उन्होंने अपने पैदल पदयात्रा के प्लान को कैंसिल कर दिया है. तेजस्वी ने कहा कि जिस मुद्दे को हमने उठाया है उसे अमलीजामा पहनाया जाएगा. अगर सरकार नहीं मानी तो हम सड़क पर संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे.
आपको बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा पूरी तरह सियासी रूप से पक चुका है. अब बारी इसके फल खाने की है. और जदयू के साथ राजद इस मुद्दे पर पूरी तरह एक्शन में है. तेजस्वी यादव ने मंगलवार को इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया था. उन्होंने इस मुद्दे पर अब किसी भी तरह के विलंब को अस्वीकार करते हुए सरकार को 48 से 72 घंटे तक का अल्टीमेटम भी दे दिया था. उसके बाद तेजस्वी ने नीतीश कुमार से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि मुलाकात के बाद ही सड़कों पर उतरने की बात का फैसला करेंगे. इससे पूर्व तेजस्वी ने पदयात्रा की बात कही थी और कहा था पटना से दिल्ली तक इस मामले को लेकर पदयात्रा करेंगे. इतना ही नहीं इस मसले पर वीआईपी के मुकेश सहनी और हम के जीतनराम माँझी भी तेजस्वी का साथ देने का वायदा किया था.
जातीय जनगणना के मुद्दे पर सोमवार को नीतीश कुमार ने बयान देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी. लेकिन राज्य सरकारों को इसकी अनुमति है. उन्होंने इस मसले पर बिहार के लोगों से राय लेने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि पहले बात करेंगे बैठक करेंगे और उसके बाद फैसला लेंगे. उन्होंने कहा था कि बिहार में जब यह होगी, तो पूरे तौर पर होगी. उसके लिए सब पार्टियों की मीटिंग होगी.

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