
नदियों से कोरोना संदिग्ध संक्रमितों के शवों का मिलना कितना खतरनाक, जानें विशेषज्ञों की राय
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कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों की नदी में तैरती लाशों से जनसाधारण पर बढ़े खतरों की आशंका के बारे में वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक वायरस को शरीर में होस्ट नहीं मिलेगा तब तक उसके फैलने या पनपने की आशंका करना सही नहीं है.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और बिहार के बक्सर में गंगा में तैरते मिले शवों से हड़कंप मचा हुआ है. यूपी से लेकर बिहार शासन-प्रशासन अब इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचने में लगा हुआ है और शवों को अपने यहां का न होने का दावा भी कर रहे हैं, लेकिन इस घटना पर क्या है एक्सपर्ट की राय? स्वास्थ्य के जानकारों से लेकर गंगा पर दशकों तक रिसर्च करने वाले आखिर शव, गंगा और कोरोना के मिल जाने पर आखिर क्या कह रहे हैं? We have taken serious note of the issue of dumping dead bodies in River Ganga and instituted measures for the prohibition of the same. The Centre through the NMCG and district authorities will ensure all unidentified bodies are disposed as per the protocol. pic.twitter.com/lfKBiGA0vE कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों की नदी में तैरती लाशों से जनसाधारण पर बढ़े खतरों की आशंका के बारे में वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक वायरस को शरीर में होस्ट नहीं मिलेगा तब तक उसके फैलने या पनपने की आशंका करना सही नहीं है. आईसीएमआर के चेयरमैन डॉक्टर बलराम भार्गव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वायरस को पनपने के लिए जीवित मानव शरीर जरूरी होता है. अगर मानव शरीर मृत है तो फिर उसमें वायरस के आगे पनपने या उनके ब्रीड करने की गुंजाइश बहुत ही कम रहती है. ऐसे में बहुत घबराने की बात नहीं बै लेकिन फिर भी सतर्क और सजग रहने की जरूरत जरूर है.
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