
नगर निकाय में महायुति की जीत के बाद MVA के लिए नगर निगम चुनाव बने अग्निपरीक्षा, BMC बचा पाएंगे उद्धव?
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महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति ने जबरदस्त बढ़त बनाई है. एमवीए कमजोर साबित हुई. अब जनवरी 2026 में होने वाले 29 नगर निगम चुनाव, खासकर मुंबई, विपक्ष के लिए सियासी भविष्य तय करने वाली लड़ाई बन गए हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में शानदार जीत दर्ज करने के बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली 'महायुति' ने स्थानीय निकाय चुनावों (नगर परिषद और नगर पंचायत) में भी विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है.
288 स्थानीय निकायों के नतीजों ने साफ कर दिया है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में महायुति की पकड़ अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुई है. अब सबकी नजरें 15 जनवरी 2026 को होने वाले 29 नगर निगमों के चुनावों पर हैं, जिसे 'मिनी विधानसभा' चुनाव माना जा रहा है.
हाल ही में हुए चुनावों में 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में से 207 नगराध्यक्ष पद महायुति के खाते में गए. इनमें अकेले बीजेपी ने 117 सीटें जीतकर सबसे बड़ा हिस्सा हासिल किया. सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 53 और अजित पवार की एनसीपी को 37 सीटें मिलीं.
एमवीए को मिली करारी शिकस्त
इसके मुकाबले विपक्षी एमवीए का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा. कांग्रेस को 28, शरद पवार गुट की एनसीपी को 7 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) को महज 9 नगर अध्यक्षों के पद पर जीत मिली. कुल मिलाकर एमवीए सिर्फ 44 सीटों तक सिमट गई.
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