
दो-दो पोस्टमार्टम, जहर का शक और CID की चुप्पी... जुबिन गर्ग की मौत के मामले में नया ट्विस्ट
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असम की आवाज़ कहे जाने वाले सिंगर जुबिन गर्ग की मौत अब भी रहस्य बनी हुई है. दो बार पोस्टमॉर्टम, जहर का शक, बैंडमेट्स के आरोप और CID की चुप्पी ने उनकी मौत के इस मामले को और भी उलझा कर रख दिया है. पढ़ें अब तक की जांच से जुड़ी पूरी कहानी.
Zubeen Garg Murder Mystery: असम की आवाज़ के नाम से मशहूर जुबिन गर्ग की मौत का मामला अभी तक पहेली बना हुआ है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या जुबिन की पोस्टमॉर्टम में रिपोर्ट में ऐसा कुछ है, जिसे छुपाया जा रहा है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि दो-दो बार जुबिन की लाश का पोस्टमॉर्टम हुआ है. दोनों ही पीएम रिपोर्ट जुबिन की मौत के मामले की जांच में जुटी सीआईडी और उनके परिवार को सौंपी गई है. लेकिन इसके बावजूद दोनों पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आम नहीं हुई हैं. इस बीच जुबिन के एक बैंडमेट ने एक सनसनीखेज दावा किया है कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं बल्कि जहर से हुई है. इसके बाद ये मामला और उलझता नजर आ रहा है.
असम की आवाज यानी जुबिन गर्ग की मौत आखिर कैसे हुई? पानी में डूबने से, पानी के अंदर दौरा पड़ने से, अचानक तबीयत खराब होने से या फिर जहर की वजह से? पहले सिंगापुर और फिर गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दो-दो बार जुबिन गर्ग का पोस्टमार्टम हुआ. दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट जुबिन की मौत की जांच कर रही असम पुलिस की सीआईडी और यहां तक कि जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग को मिल चुकी है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि दो-दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने होने के बावजूद जुबिन की मौत को लेकर अब भी सिर्फ सवाल ही सवाल हैं. जवाब नहीं.
बीते शनिवार को सीआईडी के एडिशनल एसपी मोरामी दास खुद जुबिन की दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर गरिमा के घर पहुंचे थे और उन्हें वो रिपोर्ट सौंप दी. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद गरिमा ने वो दोनों रिपोर्ट वापस एडिशनल एसपी मोरामी दास को लौटा दी. ये कहते हुए कि चूंकि सीआईडी जुबिन की मौत की जांच कर रही है, इसलिए ये सीआईडी ही तय करे कि जुबिन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आम की जाए या नहीं?
अब सवाल ये है कि आखिर इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जो सीआईडी या फिर खुद जुबिन के घर वाले उसे सामने नहीं ला रहे. अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई तो बहुत मुमकिन है कि जुबिन की मौत को लेकर जितने सवाल उठ रहे हैं, शायद वो सवाल खामोश हो जाएं. जुबिन के लाखों चाहने वाले भी यही चाहते हैं कि उनकी मौत का सच सामने आए. फिर क्या वजह है जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है? ऐसा न करने की वजह से हर रोज जुबिन की मौत को लेकर नए-नए दावे किए जा रहे हैं.
जुबिन गर्ग के बैंड के मेंबर शेखर ज्योति गोस्वामी 19 सितंबर की दोपहर जब जुबिन सिंगापुर के समंदर में तैराकी कर रहे थे, तब ये उनके बिल्कुल करीब तैर रहे थे. चूंकि शेखर ज्योति जुबिन की मौत वाले दिन उस यॉट पर उनके साथ थे, लिहाजा ऐसे तमाम लोगों से सीआईडी पूछताछ कर रही है. इसी पूछताछ के दौरान शेखर ने ये दावा किया कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं हुई है, बल्कि उन्हें जहर देकर मारा गया है. शेखर ने जुबिन की मौत के लिए सीधे-सीधे जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया कल्चरल फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता को जिम्मेदार ठहराया. शेखर ने सीआईडी को दिए अपने बयान में जो कहा, वो कुछ यूं है-
19 सितंबर को हम सभी समंदर में एक यॉट पर गए थे. पर यॉट पर पहुंचते ही सिद्धार्थ शर्मा ने पूरा यॉट अपने कब्जे में ले लिया. कुछ देर के लिए वो यॉट यानी नाव समंदर में खतरनाक तरीके से हिलने लगी. सब डर गए. लेकिन सिद्धार्थ ने यॉट से कंट्रोल नहीं छोड़ा. यॉट पर ड्रिंक्स का भी इंतजाम था. असम एसोसिएशन सिंगापुर के एक सदस्य तन्मय फुकन को ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन यॉट का कंट्रोल लेने के बाद सिद्धार्थ शर्मा ने तन्मय को भी ड्रिंक्स परोसने से मनाकर दिया. इसके बाद खुद सिद्धार्थ ने ही सभी को ड्रिंक्स दी. इस दौरान जब जुबिन पानी में उतरे, तो अचानक शायद उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने पानी में ही तैर रहे एक ट्यूब को पकड़ने की कोशिश की. लेकिन ट्यूब वो पकड़ नहीं पाए और पानी में ही बिल्कुल चित अवस्था में पड़े नजर आए. जब जुबिन को इस तरह लोगों ने पानी में देखा, तब कुछ लोगों ने आवाज भी लगाई उन्हें बचाने की. लेकिन तब सिद्धार्थ शर्मा ये चिल्लाते हुए सुने गए कि जाबो दे, जाबो दे. यानी जाने दो जाने दो. जुबिन गर्ग एक ट्रेंड स्विमर थे. डूबने से उनकी मौत हो ही नहीं सकती. बल्कि जुबिन को सिद्धार्थ शर्मा और महंता ने जहर देकर मारा और इसी साजिश को अंजाम देने के लिए जुबिन को सिंगापुर बुलाया गया.

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