दिल्ली विधानसभा में मिला अंग्रेज़ों के जमाने का 'फांसी घर', इससे पहले मिल चुकी है सुरंग
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1912 में जब कोलकाता के बाद दिल्ली राजधानी बनाई गई थी, तब दिल्ली विधानसभा ही लोकसभा हुआ करती थी. 1926 में जब लोकसभा यहां से चली गई और उसके बाद अंग्रेज़ों ने इस जगह को कोर्ट में बदल दिया था. तब लाल किले से क्रांतिकारियों को सुरंग के जरिए यहां लाकर कोर्ट में पेश किया जाता और सजा दी जाती थी.
Hanging House Found in Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने दावा किया है कि विधानसभा परिसर में एक फांसी घर मिला है. स्पीकर का दावा है कि विधानसभा में दीवार तोड़ने के बाद एक ऐसी जगह नज़र आई जहां अंग्रेजों के जमाने में क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाता था. फ़िलहाल जांच के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग को पत्र भी लिखा गया है. मंगलवार को 'आजतक' की टीम स्पीकर के साथ फांसी घर तक पहुंची.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.